मृत्युभोज : एक वीभत्स कुरीति

केड़ली गांव में सामाजिक कुरीति मृत्युभोज का बहिष्कार की पहल !

केड़ली ग्रामवासियों ने सामाजिक कुरीतियों मृत्युभोज के क्षेत्र में एक अनोखी पहल की जो आने वाले समय में सारे आस पास के गाँवो के लिए प्रेरणा दायक साबित हो सकती है ।

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राजस्थान क्षेत्र में फैल रही सामाजिक कुरूतियों को बंद करने के लिये अब ग्रामीण जागरूक होने लगे है। रविवार को केड़ली गांव के ग्रामीणों की एक बैठक राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोतीसरा नाडी में पूर्व सरपंच दीपाराम चौधरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें उपस्थित ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से कई प्रस्ताव पारीत किए। बैठक में निर्णय लिया गया कि मृत्यु होने पर उस परिवार में 12 दिन तक किसी प्रकार का खाना आने वाले व्यक्तियों के लिये नहीं बनाया जाएगा। वहीं गांव में रीति के अनुसार शोक बैठक में थाली में रखी जाने वाली बीड़ी सीगरेट, गुटखा, डोडा, अमल आदि नहीं रखा जाएगा और ना ही इसकी मनुहार की जाएगी। गंगाप्रसादी के दिनएक ही समय का साधारण भोजन किया जाएगा। 12 दिन के अंदर रिश्तेदारों द्वारा दी जाने वाली चून्दड़ी नहीं ली जाएगी और न ही रिश्तेदारों को कोथलिया डाला जाएगा। बैठक की सीमा एक ही महिने तक रखी जाएगी। वहीं विवाह शादियों में डीजे भी बंद करने का निर्णय लिया गया। बैठक में निर्णय हुआ कि बारात आने पर नाश्ता प्लेट नहीं देने का भी निर्णय लिया गया। सीधा खाना खिलाया जाएगा।

बैठक में नारायणराम लॉयल , ईश्वरराम लॉयल , जगराम लॉयल ,मानाराम, पुखराज लॉयल , रामूराम जांगू, जेठाराम खाती, ओमप्रकाश जाखड़, चम्पाराम पंचार, चैनाराम कस्वां, मगनाराम मेघवाल, बालूराम मेघवाल आदि ने विचार रखें।

मृत्युभोज क्या है ?

भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं ‘आत्मा अजर, अमर है. आत्मा का नाश नहीं हो सकता. आत्मा केवल युगों-युगों तक शरीर बदलती है.’ आत्मा का देह त्याग करने के बाद भौतिक जीवन में बहुत-से संस्कार किए जाते हैं. जिनमें से एक है मृत्युभोज या तेरहवीं है. दशकों पहले मृत्यु होने पर केवल ब्राह्मणों को भोज करवाया जाता था लेकिन बदलते समय में समाज के साथ जुड़ाव या लोक-लज्जा के कारण भी लोग मृत्युभोज का आयोजन करते हैं.

मृत्युभोज क्यों नहीं करना चाहिए?

जिसके अनुसार श्रीकृष्ण ने शोक की अवस्था में करवाए गए भोज को ऊर्जा का नाश करने वाला बताया है. महाभारत युद्ध होने को था. अतः श्री कृष्ण ने दुर्योधन के घर जा कर युद्ध न करने के लिए संधि करने का आग्रह किया, तो दुर्योधन द्वारा आग्रह ठुकराए जाने पर श्री कृष्ण को कष्ट हुआ और वह चल पड़े. दुर्योधन द्वारा श्रीकृष्ण से भोजन करने के आग्रह पर श्रीकृष्ण ने कहा कि ‘सम्प्रीति भोज्यानि आपदा भोज्यानि वा पुनैः’ अर्थात हे दुर्योधन – जब खिलाने वाले का मन प्रसन्न हो, खाने वाले का मन प्रसन्न हो, तभी भोजन करना चाहिए.लेकिन जब खिलाने वाले एवं खाने वालों के मन में पीड़ा हो, वेदना हो, तो ऐसी स्थिति में कदापि भोजन नहीं करना चाहिए. महाभारत के इस प्रसंग से बुद्धिजीवियों ने मृत्युभोज से जोड़कर देखा

थलांजु गाँव के रेवंत चौधरी के विचार मृत्युभोज : एक वीभत्स कुरीति पर

 

अधिक जानकारी के लिए अभिनव राजस्थान में इस कुरीति के कैसे अंत किया जायेगा जो नीच दिए गए लिंक पर पढ़े

मृत्युभोज : एक वीभत्स कुरीति :अभिनव राजस्थान

Right to information,Rajasthan

शिक्षक मित्र सुख राम ईनाणियाँ जी कलम से.. 

12 अक्टूबर एक खास दिवस कभी कभार लगता है कि हमेँ आजाद हुए कितने वर्ष हो गये है तो मेँ 1947 से आज तक बीते समय की गणना करने लग जाता हूँ पर यह क्या मैँ गिनते गिनते बीच मेँ ही रुक जाता हूँ मुझे लगता है कि मैँ कहीँ भ्रम मैँ तो नही जी रहा हूँ आंख मुंह धोता हूँ होश मेँ आता हूँ और अपने आप को गुलाम ही पाता हुँ शायद कभी कभार मेँ 1947 मेँ गोरे अंग्रजों द्वारा काले अंग्रेजों को की गई सता हस्तांतरण को आजादी मान बैठा था तब तब गिनती करने लगा ।

इस सता हस्तांतरण की इमारत को लोकतंत्र का नाम देने के लिए इसके चार पैर (खंभे)भी लगाये गये यह दिखाने के लिए कि मजबूती मेँ कोई कमी नहीँ है कार्यपालिका है न्यायपालिका है विधायिका है और मीडिया भी ।
पर जब जब कोई देशवासी होश मेँ आया उसने यह तंत्र पंगु ही पाया चार पैर हुए तो क्या सब मेँ दीमक लगी मिली नेताजी हो या अफसर जज हो या लोकतंत्र के प्रहरी बन बैठा मीडिया …माया की माला ही जपता नजर आया ,.देश को दरिया मेँ डूबाता ही नजर आया ।

पर जाने किस देशभक्त की आत्मा एक दिन के लिए इन भूतों मेँ घुस आई और लोकतंत्र का पांचवा कहेँ या पहला ठीक रहेगा ..स्तंभ जन्म ले चुका था सूचना का अधिकार अधिनीयम 2005

पिछले कुछ सालों से यानी 2005 से जब से आरटीआई कानून अस्तित्व मेँ आया लगने लगा बळद की नाथ हाथ मेँ आई है ..कस कर पकङ लेँगे पकङे रहेँगे तो बळद हमारा ही रहना है सूचना के अधिकार ने हताश लोगों के दिलों मेँ उजाला भर दिया हैपर कुछ ही लोग है जो हताशा से उबर पाये है क्यूंकि अधिकार का उपयोग ही ना किया जाय तो फिर उजाला कैसे होना है

इस अधिनियम के तहत प्रावधान रखा गया कि सरकारी या सरकारी अनुदान प्राप्त ऐजेन्सियां जो भी जनहित या देशहित मेँ कार्य करेँ उसकी पूरी जानकारी भारत के हर एक नागरिक को होनी चाहिए ….हां कश्मीर की बात तो आप जानते ही है ….

जानकारी प्राप्त करने और जानकारी देने की बाध्यता संबंधी नियम ही इसको लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी बनाता है मैँ तो कहना चाहुंगा मेरे मित्रौं से ..कि अगर आप के दिल मेँ सच मेँ देशप्रेम उमङ रहा है अव्यवस्था देखकर आपकी आंखेँ सच मेँ नम हो रही है आप देश और समाज के लिए सच मेँ कुछ करने की चाहत रखते है तो छोङिये फलां नेता जिँदाबाद .फलां नेता मुर्दाबाद छोङिये धरना छोङिये बंदछोङिए किसी राजनैतिक पार्टी विशेष की अंध भक्ती लीजिए संकल्प देश की सेवा काइसके लिए समर्पण भाव से जीने का और लीजिए सिर्फ एक सफेद कागज एक पेन ।

आप को जब भी लगे फलां सरकारी कार्यालय मेँ क्या हो रहा है क्या नहीँ सही हो रहा है या गलत सबंधित जानकारी के लिए सक्षम सूचना अधिकारी को लिख दीजिए सादे पन्ने पर सिर्फ दस रू का पोस्टल आर्डर टैग कर दीजिए …आप खुद जाइये या वाया डाक पहुंचाइये आप द्वारा चाही ग इ सूचना आपको 30 दिन मेँ मिल जायेगी ..देनी ही पङेगी देरी की तो साहब को 250 रू रोज की पेनल्टी 25000 तक जुर्माना फिर भी पीछा ना छुटेगा देनी ही होगी ।

आपके जागरुक होते ही भ्रष्टाचार घोटाले यह सब जीव मुर्छित से हो जायेँगे लाख टके की बात आप जागो तो सही ..इस पांचवे खंभे के पक्षधर बनो तो सही ।
और अब इस तकनीकी युग मेँ बहुत जल्द आप आनलाइन आवेदन भी कर सकेँगे ..पर वो भी करना पङेगा अपने आप तो नहीँ ।

सूचना के अधिकार के प्रचार प्रसार के लिए सरकार के साथ मीडिया का योगदान भी अपेक्षित है फेसबुक भी कमाल का योगदान दे सकती है ।

जिन मित्रौं को केवल जयकारे लगाने का शौक है लगाते रहे ..जिनको देश की चिँता है आरटीआई लगाते रहे ।

हमारे मित्र डा अशौक जी चौधरी के नेतृत्व मेँ अभिनव राजस्थान अभियान आरटीआई के प्रचार प्रसार को बढावा देने मेँ सुंदर प्रयास कर रहा है । आप भी जुङिये ..शंका समाधान भी दूर हो जायेगी …और संगठन की शक्ति से लोकतंत्र भी स्थापित कर पायेँगे ।
वन्दे मातरम ।

दयानंद सारस्वत जी कलम से.. 

हम हवाओं में ‘सूचना के अधिकार दिवस’ की खुशबू बिखेर देंगे. कोई बेहोश हो तो हो !

मित्रों, 12 अक्टूबर आज को आप जहाँ भी रहें,
अपने मित्र समूह के साथ असली लोकतंत्र का महापर्व “सूचना का अधिकार’ दिवस मनाएं। दो-चार-पांच हों या दस या सौ. संख्या से ज्यादा जज्बा मायने रखता है ।

इस महापर्व की सभी मित्रो को हार्दिक शुभकामनाएं

रचनात्मक ढंग से. बिना चूक. कोई मित्र न चूके !

 

भरतराम कस्वां जी कलम से.

इस देश के मालिक यानी कि आम नागरिक को सरकारी फाइलों में बेरोकटोक झांकने और विशेष रूप से प्रतिया लेने के साथ ही निरीक्षण करने का अधिकार देने वाले सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं.

डॉ. अशोक चौधरी (अभिनव राजस्थान अभियान) जी कलम से.

2005 में आज ही के दिन, यानि 12 अक्टूबर को भारत में लोकतंत्र का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण कदम उठा था. सूचना के अधिकार ने पहली बार भारत के आम नागरिक को उसके अपने शासन के बारे में सभी जानकारियां चाहने का अधिकार दिया था. बहुत ही सरल तरीके से.

पिछले बारह वर्षों में सूचना के सिपाहियों ने देश के भीतर इस अधिकार की पालना और रक्षा के लिए बहुत संघर्ष किया है. संगठित स्वार्थी तत्वों के खिलाफ काम करना काफी कठिन होता है, जब जनता में जागरूकता की कमी हो. तमाशा पसंद, जय जयकार में मस्त, गुलाम मानसिकता की कौम के बीच रहकर ‘अधिकार’ और जिम्मेदारी की बातें करना बड़ी चुनौती होती है.

लेकिन अधिकार के बावजूद उसका इस्तेमाल करने से आज भी भारत की और राजस्थान की अधिकांश जनता बचती है. डरती है. क्यों ? पांच कारण- पहला, गुलामी की मानसिकता. अभी भी अपने शासन के होने का भान नहीं है, आभास नहीं है. अभी भी जनता और मीडिया इसका राज और उसका राज कहती है. जब राज ही अपना नहीं तो क्यों चिंता करें. उस पर व्यवस्था में जमे स्वार्थी तत्वों का आतंक. तीसरे संगठन की कमी. चौथा, प्रशिक्षण की कमी. और पांचवां कारण, मीडिया और न्यायपालिका की उदासीनता. चौथा और तीसरा स्तम्भ, पहले और दूसरे के रंग में रंग हुआ ! अलग नहीं दिखा, जैसा अपेक्षित था.

अभिनव राजस्थान अभियान, इन पाँचों कारणों से आमजन को उबरने में लगा है. अपने साथियों के संगठन और प्रशिक्षण के साथ ही सूचना के अधिकार को जनसमर्थन दिलवाने में अभियान पिछले छः वर्षों में बहुत कामयाब रहा है. हम सूचना के अधिकार का इस्तेमाल अपने लक्ष्य- अभिनव राजस्थान के लिए वर्तमान व्यवस्था को जानने और नई व्यवस्था की रचना के लिए कर रहे हैं. ऐसे में इस अधिकार का ठीक से उपयोग आना हमारे साथियों के लिए जरूरी है.

इस अवसर पर अभियान के सभी साथियों और शुभचिंतकों को धन्यवाद, शुभकामनाएँ.

 

Donate blood, save a life

राजकीय चिकित्सालय , नागौर

जैसे जैसे इन्सान तरक्की के रास्ते पर बढ़ता गया, जीवन से जुडी हर समस्याओ को जाना और इसको दूर करने के लिए नित नये आविष्कार भी किये लेकिन जीवन रूपी इस शरीर को चलाने के लिए हमे जिस रक्त की आवश्यकता पड़ती है उसे न तो इन्सान बना सकता है और न ही बना पाया है लेकिन यह सच है की किसी भी इन्सान के अंदर रक्त की कमी को दुसरे इन्सान के रक्त से पूरा किया जा सकता है

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अपने गाँव थलांजू के रक्तदाता लक्ष्मण घंटियाला ने स्वैछिक रक्दान करके और गाँव के युवाओं को संदेश देने का कार्य किया है, भाई को दिल से सलूट आगे भी इसी तरह रक्तदान करते रहे एवं साथियों को समय समय पर प्रेरित करने का कार्य करते रहे |

हम सभी जवानों को इस कार्य को समय समय पर करते रहना चाहिए जिससे शरीर में नए ब्लड का निर्माण होता है,कई विशेषज्ञों ने माना है ब्लड डोनेट करने से दिमाग सार्फ़ एवं सकारात्मक होता है |

जय हिन्द

Cricket Tournament-2017

शहीद उमाराम क्रिकेट प्रतियोगिता आज दिनांक 25 मई 2017 से 

किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ के आया हूँ… मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ के आया हूँ..

मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ.. में अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ के आया हूँ….!

शहीद उमाराम का जन्म 14 जनवरी 1978 को नागौर जिले के कालड़ी ग्राम में पिता श्री भूराराम व माता चम्पादेवी की कोख से भाम्भू गोत्री जाट परिवार में हुआ । आपकी माताजी गृहणी व पिताजी कृषक हैं । आपकी बहन का नाम हस्तुदेवी हैं । आपका विवाह नोखा निवासी श्री भेराराम जी गोदारा की सुपुत्री भजना देवी के साथ संपन्न हुआ जिनसे आपको 3 पुत्ररत्नों की प्राप्ति हुई । आपके पुत्र-पुत्री का नाम शारदा (18), मुनाराम (16) व राकेश (13) है । अभी 6 महीने बाद इनकी पुत्री की शादी होने वाली थी ।

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ग्राम पंचायत कालड़ी में शहीद उमाराम क्रिकेट प्रतियोगिता 2017 गुरूवार से शुरू होगी। यह प्रतियोगिता 29 मई तक चलेगी। प्रतियोगिता की विजेता टीम को 11000 रुपए ट्रॉफी तथा उप विजेता टीम को 5100 रुपए ट्रॉफी दी जाएगी एवं मैन ऑफ सीरीज रहने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत किया जायेगा|

 

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क्रिकेट प्रेमी लेखराम गुणपाल ने बताया की इस  प्रतियोगिता में गोगेलाव ,बालवा ,सिंगड़ ,अलाय ,ईनाणा व् केडली ,शहीद प्रभु राम चोटिया एवं अन्य 25 प्रकार की टीमें भाग लेगी |  

 

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मुख्य अतिथि कालड़ी सरपंच प्रतिनिधि रामेश्वरलाल व विशिष्ट अतिथि पंचायत समिति सदस्य सोहनराम घंटियाला, पूर्व सरपंच धर्माराम जी,पंचायत समिति सदस्य मदन ढाका, मोहनराम जी सोऊ R.P. तिलोकजी भादू, लिखमाराम जी भाम्बू, भूराराम जी शहीद के पिता , हड़मान राम जी गुणपाल, चंदाराम जी मास्टर , मनीराम जी भाम्बू व्याख्याता व समस्त खेल प्रेमी ओर नव युवा वर्ग के लोग अन्य समस्त खेल प्रेमी मौजूद थे.

 

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DERVA :TAJA JI MAHARAJA PRAN PRATISHTA AND INDA STHAPANA

“जय श्री तेजाजी महाराज की”

समस्त गोदारा परिवार डेरवा –मुख्य इंडा — 7 लाख एवं 21 हजार रुपये

श्री मूलाराम जाखड /मोहन राम जी जाखड – मंदिर के मुख्य गेट- 2 लाख 21 हजार रुपये

श्री तुलछा राम जी गोदारा (पूर्व सरपंच) – प्याऊ के – 1 लाख 51 हजार रुपये

श्री हेमा राम जी राव – मंदिर की मूर्ति – 1 लाख एवं 1 हजार रुपये

अन्य सभी भक्तों ने एक से बढ़कर एक 23 बोलियां लगाई उन सभी तेजा भक्तों का कोटि कोटि आभार एवं आप सभी मित्र मेले में पधारकर के आयोजन को शानदार बनाया इसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद !

 

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श्री तेजा जी महाराज मन्दिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह एवं मंदिर शिखर पर इंडा चढ़ाने के साथ प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 29/04/2017 वार शनिवार एवं 30/04/2017 वार रविवार की किया गया एवं आयोजन की शुरुवात तेजा गायन एवं मंडप प्रवेश, संध्या पूजन तथा भजन संध्या के साथ आगाज हुआ एवं दुसरे दिन 30/04/2017  वार रविवार  को शाम तक चला इसी दिन प्राण-प्रतिष्ठा, हवन की पूर्णाहुति, उतर पूजन, मंदिर शिखर पर इंडा चढ़ाने के साथ प्रतिष्ठा कार्यक्रम सवाई जी महाराज की कालङी धाम के मंहत श्री प्रेमदास जी के सानिध्य में समापन हुआ.

Thalanju Vikas Samiti’s Task

4 Nov 2014 सुबह 7 बजे जब सरकारी विधालय के प्रांगण में प्रवेश किया, तब समझ में नहीं आ रहा था कि विधालय प्रांगण को साफ़ -सुथरा कैसे बनाया जाए? चारों तरफ मिट्टी के बड़े बड़े टीले, देसी खिंप ,बबूल के पेड़ एवं झाड़ियाँ चार्रों तरफ से विधालय को घेर रखा था. गांव की युवा टीम ने बिना कुछ विचार किये हुए काम शुरू कर दिया था. तब से लेकर अब तक लगभग ढाई साल तक हम आस – पास के गाँवो के सरकारी विधालयों के बराबर से आये है और विधालय को सामान्य बनाने के लिये लगभग सवा लाख रुपये का खर्चा ग्रामीणों के सहयोग से जुटाकर विधालय के निर्माण कार्य में लगाया है.

विधालय में किया गया निर्माण कार्य :

1.मीठे पानी से जोड़ा गया
2.एक साफ सुथरा ग्राउंड का निर्माण
3.उच्च प्राथमिक विधालय से उत्कृष्ट विधालय में सम्मिलित करवाना
4.चारदीवारी का निर्माण कार्य करवाना एवं
5.स्कूल में सामने cc ब्लॉक का निर्माण कार्य
6.स्कूल के ग्राउंड में 2 झूले (बच्चों के लिये ) के निर्माण कार्य प्रगति पर है
7.कक्षा 7 एवं 8 के विधार्थियों के लिये बैठने के लिये टेबल कुर्सी की व्यवस्था करवाने के कार्य प्रगति पर है
8 विधालय परिसर में लगभग 100 रंग बिरंगे पौधे लगाने का कार्य
9 विधालय में नियमित SMC की नियमित बैठक करवाने का कार्य
10 विधालय के प्रति गांव के लोगों को जागरूक करके एवं हर 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को कार्ड छपवाकर विधालय प्रागंण में आमन्त्रित करना

विधालय को चमन करने के लिये आगामी साल का लक्ष्य :

1) विधालय प्रांगण में वाटर कूलर की व्यवस्था करना
2) खेल मैदान का निर्माण कार्य करवाना
3) स्कूल को माध्यमिक में क्रमोन्नत करवाने हेतु एवं उपरोक्त अध्यापकों की व्यवस्था करवाने हेतु
4) बचे हुए कमरों में टेबल कुर्सी की व्यवस्था करना
5)प्रार्थना स्थल का निर्माण
6)स्कूल में चारदीवारी के आस -पास पेड़ -पौधे लगाने का कार्य

जय हिन्द

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Hanuman Beniwal (MLA KHIMSAR)

भर हुंकार, बन खूंखार, दुश्मन के शोणित में रम जा तू,
अडिग कदम, तेज नजर, हनुमान विजय कर जा तू,

धरले दंभ, निष्ठुर भुजंग, नस नस फड़का अपनी तू,
शीश उठा, वक्ष तना, शिखरों से दृष्टि मिला अपनी तू,

नभ गुंजार, धरा ललकार, मचा बैरी कपाल में हाहाकार,
बजा रणसिंगा, शंखनाद कर, पहन जीत का विजयहार,

भर हुंकार, बन खूंखार……

ठहर नहीं, विचार नहीं, कर बुलंद सिंहनाद तू ,
ग्राम नहीं, शहर नहीं, दिलों में पहुंचा आवाज तू,

धधक धधक, सबक सबक, गलतियों से सीख ले,
डगर डगर, विजय विजय, दुश्मनों से खींच ले,

भर हुंकार, बन खूंखार..

वीर तू, महावीर तू, तू ही काल व महाकाल तू,
वर्तमान तू, भविष्य तू, जर्रे जर्रे में विधमान तू,

कर शपथ, चल निडर, फैला जालिमों में खौफ तू,
कर कल्याण, मिटा विषाद, ले आ इक नवभौर तू,

भर हुंकार, बन खूंखार…

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मान ले, अब ठान ले, पथ अपना ले श्रृंगार तू,
नही समय, इंतजार नहीं, अपने मिटा ले विकार तू,

आग बन, तूफान बन, बन भेदन सा तीर तू,
शेर बन, दिखा ताकत, बता
दे बेनिवाल वीर तू,

भर हूंकार, बन खूंखार…

जाट लहू, किसान जौश, बन पैना जैसे शमशीर तू,
राम पूत, तेजल भक्त, जीत ले अपनी जागीर तू,

लख ह्रदय, लख भुजा, बन विभा है संग खड़े,
यही कामना, यही दुआ, कर विजय यह जंग लड़े,

नहीं समर में रूक, ना झुक कभी वैरी चालों से,
दृष्टि मिला सदा, इन सत्तामद में चूर मतवालों से,

बढा कदम, दिखा नागौरी ललकार जालिमों को,
ले प्रतिज्ञा, बना इतिहास आज की इन तारिखों को,

वैरी समक्ष, लक्ष्य समक्ष, समक्ष विजयहार पड़े तेरे,
शस्त्र संभाल, कर चढाई, साथ तेजाभक्त खड़े तेरे,

सुन महाराणी अब विनय नहीं, अब रण होगा,
रण ऐसा होगा, सृष्टि ने देखा नहीं वैसा होगा,

घनघोर गगन में तड़ित का, कोप जैसे दिखता है,
अत्याचार के विरूद्ध किसानों का, जोश वैसा ही होता है,

वही जोश, वही जुनूं, इसी का नाम है बेनिवाल,
आ रहा 2018 में, हुंकार भर रहा है राजस्थान,

भर हुंकार, बन खूंखार, दुश्मन के शोणित में रम जा तू,
अडिग कदम, तेज नजर, हनुमान विजय कर जा तू,

 

भाई Balveer Ghintala ‘तेजाभक्त’ की कलम से

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सरकारी स्कूल में श्रमदान / होली मिलन समारोह

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नागौर पंचायत समिति के कालड़ी पंचायत के ग्राम थलांजु में आज होली के शुभ अवसर पर थलांजु विकास समिति एवं अध्यापकों ने गाँव के सरकारी स्कूल में स्कूल चारदीवारी के ऊपर तारबंधी एवं स्कूल प्रांगण के सामने टुकड़े रूपकर जाली लगाई , उसके बाद विकास समिति का स्नेह मिलन समारोह हुआ जिसमें विधालय में प्रॉपर व्यवस्था पर चर्चा की गई अध्यापकों ने स्कूल में फर्निचर की मांग रखी , जिसकों देखते हुए युवाओं एवं अध्यापकों ने तीस हजार रुपये का चंदा एकत्रित करके और आगामी दिनों में दो कक्षा में फ़र्निचर लगाने की शुरुआत करी उसके बाद ग्रामीणों ने गाँव की सरकारी स्कूल में गुलाल की होली खेलकर एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी.

होली के प्रोग्राम की अनुदान राशि लिस्ट :

₹5000 श्री फुसाराम जी घंटियाला
₹2100 श्री पन्नाराम जी घंटियाला
₹1100 श्री जेठाराम जी घंटियाला
₹2100 श्री रामसुखराम जी घंटियाला
₹2100 श्री पुरखाराम जी घंटियाला
₹2100 श्री फरसाराम जी हुड्डा
₹2000 श्री पन्नाराम / श्रीरामाराम जी घंटियाला
₹5100 श्री नानकराम जी घंटियाला
₹ 1500 श्रीरामाराम जी घंटियाला
₹1000 श्री हेमाराम जी हुड्डा
₹200 श्री गोपालराम घंटियाला
₹500 श्री ताज़ाराम /रूपाराम जी घंटियाला
₹1100 श्री रेवंतराम /मोटा राम जी घंटियाला
₹500 श्री चेतन / रूपा राम जी घंटियाला
₹500 श्री तूलछाराम जी घंटियाला
₹500 श्री गंगा राम / मोटाराम घंटियाला
₹2000 श्री पूरबाराम जी भादु (अध्यापक)
₹2100 श्री चेनाराम जी जांगू (अध्यापक)
₹2100 श्री कम्माराम जी सोउ(अध्यापक)

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33500 कुल जनसहयोग

help :fire in house

ग्राम पंचायत कालडी के ग्राम जाखानियां के  श्यामाराम s/0 सुगनाराम जाती नायक  के आज सुबह 6 बजे अज्ञात कारणों से आग लगने से एक रहवासी की ढाणी जल गई | आग पूरी तरह फ़ैल जाने के कारण 8 बकरियां , 4 छोटे बकरी के बच्चे , 6 क्विंटल बाजरी , 1 क्विंटल मोठ , 60 किलो गवार , 4 हजार रूपए रोकड़ी , 4 खाट एवं  घेरलू सामान जलकर राख हो गया एवं 3 बकरियां भी पूरी तरह से झुलसे गई  ! सूचना मिलने श्री बालाजी थाना पुलिस एवं पटवारी मौके पर पहुंचे कर मुहावना किया एवं मौके पर पहुँच सोहनराम घंटियाला पंचायत समिति सदस्य ने 5000 रुपये  रोकड़ी,कालड़ी सरपंच प्रतिनिधि  रामेश्वर भाम्भू  ने 1 कैटल शेड व् टांका एवं 5000 हजार रोकड़ी ,सवाई संघ कार्यकर्ता मनोज सोनी 2 रजाई एवं 2 पतरना एवं 1 बोरी बाजरी , साजन राम मुंड ने 1100 रोकड़ी व् 1 बोरी बाजरी ,100 रुपये लक्ष्मण गोदारा , 100 प्रेमाराम गोदारा ,100 खींयाराम मेघवाल ने आर्थिक सहयोग देकर पीढित परिवार की सहायता की गई |37307120-78f6-44e9-8717-9bd1474541fa

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मनुष्य ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि जिससे सभी जीव – जंतु मनुष्य के इशारे पर अपना जीवन गुजारते है. मनुष्य का इन जीवों में सर्वश्रेष्ठ होने पर यह फर्ज बनता है कि वह खुद के साथ – साथ अन्य जीव – जंतुओ की भी रक्षा करे. दोस्तों ! एक मनुष्य होने के नाते अपना यह कर्तव्य निभाए की हम जीवो की रक्षा करेंगे|

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अलाय – कालड़ी सरहद पर एक सुनसान खेत में नीलगाय के बच्चे को श्वान नोच रहे थे, सभी रास्ते चलते पंचायत समिति सदस्य सोहनराम घंटियाला ,सुरेन्द्र गिला ,रामचंद्र गिला ,हनुमान आदि ग्रामीण मौके पर पहुंच कर नीलगाय के बच्चे को जंगली श्वानों से बचाकर नागौर स्थित वन विभाग को सुपुर्द किया.