Jat Rajput Brotherhood

जाट-राजपूत भाईचारा        

 

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,

मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।

अर्थ : सज्जन की जाति न पूछ कर उसके ज्ञान को समझना चाहिए. तलवार का मूल्य होता है न कि उसकी मयान का – उसे ढकने वाले खोल का.

में नागौर जिले के कालड़ी पंचायत के थलांजु ग्राम से हूँ । इंसान को कर्म से जाना चाहिये ने की जाति से । अभी जातिवाद का जहर स्पीड पकड़ रहा है ।। अब समय आ गया की हरके समाज में से कुछ लोगो को आगे आना होगा और इसको रोकना होगा। मेरे गांव में 50 % आबादी जाटो की है 40 %  मेघवालो की और 10 % other जातियाँ है । लेकिन सब बड़े भाईचार से रहते है शिवाय चुनाव माहौल को छोड़कर चुनाव के 15 -20 दिनों में सब सामान्य हो जाता है ।। गांव में 1 रावला है और उन्होंने पुरे गांव में एक शानदार वक्तित्व  स्थापित करे रेखा है ।। गांव का हरके अभिनव काम की शुरुवात ठाकुर साहब की देखरेख में होता है और उनके पुरे परिवार वालो ने गांव हित में काम करने को तत्पर रहते है ।

मेरे दादाजी केशरिया कंवर जी महाराज के पुजारी हुवा करते थे । आज भी हर साल गांव में ग्रामीणों के सहयोग से कंवर जी महाराज का जागरण होता है ।।

मेने भी पिछले सप्ताह कुछ मित्रो के सहयोग से एक छोटा सा काम किया है की आज से 6 महीने पहले ठाकुर  शाहब के खेत में  LT  लाइन के गिरने उनके 5 पशुओ की मोत हो गयी थी।। लेकिन कापी समय होने के बावज़ूद कोई मुवावजा नही मिला है । मेने राजस्थान संपर्क में शिकायत दर्ज करवाई है ।। जब तक नही मुवावजा नही मिल जाता तब तक समय समय पर ट्रैक करता रहूँगा और कोशिश करूँगा की ये काम करवाने में मदद करूँगा ।।

छोटा सा उदारहण निचे फ़ोटो में दिख रहा है गांव में कल इंदिरा गांधी नहर के मीठे पानी को सुचारू चलाने की नीव रखी गई । जिसमे जाट ,राजपूत और सुथार सभी साथ में है !!

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जय वीर पाबू जी

जय वीर तेजा जी

जय वीर केशरिया कंवर जी

facebook : जाट-राजपूत भाईचारा

Teja ji maharaj Balidan diwas

“भादवा शुक्ल दशमी रे दिन, मैं नमन करूं शूरां ने आज।
जाट चढ्यो गायां री वारां, बिश्नोई राखी रूखां री लाज।।
—–
आप सभी भाईयों को वीर तेजाजी बलिदान दिवस व बाबा रामदेव जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई । खेजड़ली शहीद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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तेजाजी की विरासत

(1) श्री वीर तेजाजी : शेषावतार लक्ष्मण जी

(2) जन्म तिथि : माघ शुक्ला चतुर्दशी, गुरुवार वि.स. 1130 29 जनवरी 1074 ई.

(3) पिता : श्री ताहङदेव जी (थिरराज) धौलिया

(4) माता : श्रीमती रामकुंवरी

(5) वंश : नाग वंश की धौलिया जाट शाखा

(6) खांप : चौहान

(7) नख : खींची

(8) जन्म स्थल : खरनाल (नागौर)

(9) विवाह : पीले पोतङों में पुष्कर के नाग घाट पर पुष्कर पूर्णिमा वि.स 1131

(10) पत्नी : पेमल

(11) ससुर : रायमल जी मुहता

(12) ससुर का गौत्र : झांझर जाट

(13) सासु : बोदल दे

(14) सासु का गौत्र : काला जाट

(15) ससुराल : शहर पनेर

(16) भाई : रुपजी, रणजी, गुणजी, महेश जी, नगजी

(17) भाभियाँ : रतनाई, शेरां, रीतां, राजा, माया

(18) बहिन : राजल

(19) बहनोई : नाथाजी सिहाग

(20) बहिन के ससुर : जोरा जी सिहाग

(21) बहिन का ससुराल : तबीजी (अजमेर)

(22) ननिहाल : त्योद व अठ्यासन

(23) नाना : दुल्हण जी सोढी

(24) गुरु : गुसांई जी व मंगलनाथ जी

(25) लाछां की संपत्ति : गौ माताएं

(26) वीरगति की निशानी : मेंमद मौलिया

(27) मेंमद मौलिया वाहक : आँसू देवासी

(28) तेजाजी के दुश्मन : सासु बोदल दे व काला गौत्री बालू नाग

(29) तेजाजी का खेत : खाबङ खेत (खरनाल)

(30) तेजाजी का तालाब : गैण तालाब (इनाणा व मूङावा के बीच)

(31) तेजाजी का रास्ता : तेजा पथ

(32) घाटा : लोकल घाटा (मालास परबतसर)

(33) नदी : पनेर की नदी

(34) तेजाजी का वचन : सत्यवाद

(35) तेजाजी की मर्यादा : नुगरां की धरती में वासा ना करां

(36) तेजाजी का व्रत : ब्रम्हचर्य

(37) सम्बोधन : सत्यवादी वीर तेजाजी

(38) माता का बोल : तेजा का बोयोङा मोती निपजे

(39) तेजाजी के साक्षी : चांद, सूरज व खेजङी वृक्ष

(40) बासग नाग द्वारा वरदान : काला बाला रोग चिकित्सा, घर घर पूजा

(41) तेजाजी देवता : सर्प विष चिकित्सा, कृषि उपकारक, पशुधन तारक

(42) पेमल का आशीर्वाद : पूजा से बस्ती नगर रोग निवारण

(43) तेजाजी की चिकित्सा पद्धति : गौमूत्र, नीमपत्र, काली मिर्च, देशी गाय का घी, देशी गाय के गोबर के कण्डो की भभूत

(44) तेजाजी का ध्वज : चांद, सूरज, नाग, खेजङी वृक्ष युक्त

(45) तेजाजी का भोग : देशी गाय का कच्चा दूध, नारियल, मिश्री

(46) तेजाजी के जागरण की रात व व्रत : भादवा सुदी नवमी हर वर्ष

(47) तेजाजी का शकुन : जागती जोत

(48) तेजाजी का गीत : गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ

(49) तेजाजी के गीत की प्रथम गायिका : लाछां गुर्जरी

(50) तेजाजी के गीत की पुन: रचना : बींजाराम जोशी

(51) तेजाजी का शिलोका : पूनमचन्द सिखवाल

(52) तेजाजी ख्याल : पं. अम्बालाल

(53) भक्ति : सालिगराम

(54) ईष्ट देव : शंकर भगवान

(55) सेवा : गौ माता

(56) कर्म : गौचारण, कृषि, युवराज पद दायित्व

(57) धर्म : गौरक्षा, न्याय, सत्यवाद

(58) तीर्थ : तीर्थराज पुष्कर

(59) वीरगति स्थल : सुरसुरा (अजमेर)

(60) दाह संस्कार स्थल : सुरसुरा (अजमेर)

(61) पेमल का सती स्थल : सुरसुरा (अजमेर)

(62) घोङी का नाम : लीलण

(63) प्रमुख शस्त्र : भाला

(64) सहअस्त्र शस्त्र : ढाल-तलवार, धनुष बाण

(65) रण संग्राम स्थल : मण्डावरिया पहाङी की तलहटी एवं चांग का लीला खुर न्हाल्सा करणाजी की डांग (पाली)

(66) प्रतिपक्षी : चांग के चीतावंशी मेर मीना

(67) मीना का सरदार : कालिया

(68) तेजाजी के साथी : पाँचू, खेता, जेता

(69) पेमल की सखी : लाछां गुर्जरी (चौहान खाँप)

(70) लाछां का गांव : रंगबाङी का वास पनेर (अजमेर)

(71) लाछां के पति : नन्दू गुर्जर

(72) लाछां की निशानी : लाछां बावङी

Source : Whatsapp

लोक देवता तेजाजी महाराज के बलिदान दिवस तेजा दशमी पर हम उन्हें नमन करते हैं. दूसरों के लिए जीने-मरने के उनके कृत्य और सन्देश से मानवता समृद्ध हुई है. भादों शुक्ल दसवीं, 1160 के दिन गुर्जर जाति की एक महिला की गायों को लुटेरों से छुडाते हुए उनका बलिदान हुआ था. बलिदान की इन घड़ियों में भी आँख मूंदने से पहले नाग देवता को दिया वचन पूरा करना भी तेजाजी नहीं भूले.
तेजाजी की गाथा में भाभी से तकरार करते समय श्रृंगार रस, मां का वात्सल्य रस, पत्नि पेमल और उनकी सहेलियों से वार्तालाप में श्रृंगार रस और मेरों से झगडे में वीर रस का भान होता है.
पेमल-तेजल का सम्बन्ध भी मानवीय मूल्यों के लिए बलि हो जाता है. बहिन बुन्गरी का भाई के वियोग में शरीर त्याग देना भी भाई-बहिन के प्रेम की पराकाष्ठा ही. यानि गाथा का एक एक किरदार अद्भुत है.
इतिहास की किताबों में भले ही लोकदेवताओं की कहानियों को काल्पनिक बताकर स्थान नहीं दिया गया हो, लेकिन भाटों की बहियों में सब कुछ स्पष्ट अंकित है. और उस पर जन जन की आस्था और गीतों के प्रवाह ने इन महापुरुषों की यादों को सहेज कर रखा है. आज भी ग्रामीण अंचल में तेजाजी, गोगाजी, पाबूजी, रामदेवजी और देवनारायण की कथाएँ लोकप्रिय हैं और श्रद्धा से गाई-कही जाती हैं.

डॉ. अशोक चौधरी (अभिनव राजस्थान )

 

कर्म ही पूजा है।
“जीवन का महानतम उपयोग इसे किन्हीं ऐसे अच्छे कार्यों पर व्यय करना है जो कि इसके जाने के बाद भी बने रहें.”

मानाराम पचार  (व्याख्याता)

 

परम आराध्य लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस व बाबा रामदेव जी की दशमी पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएँ |
लोक देवताओ का जीवन हमे सच्चाई तथा त्याग की सिख देता है, हम सभी पर तेजाजी और बाबा रामदेव जी कृपा बनी रहे, ऐसी प्रार्थना मे करता हूँ |
हनुमान बेनीवाल#MLAKhinwsar

 

गौ रक्षक वीर शिरोमणि सत्यवादी वीर तेजाजी के बलिदान दिवस तेजादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह वैभव, ऐश्वर्य,उन्नति,स्वास्थ्य,प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखें ।।

Kaldi state honors funeral of soldier

umaram bhambhuराजस्थान के बीकानेर जिले के पांचू थाना क्षेत्र के शोभाणा गांव में शिकारियों की गोली का शिकार हुए नागौर जिले के कालड़ी गांव निवासी पांचू थाने के सिपाही उमाराम भाम्भु शाहिद हो गये

उमाराम ने आज से 15 साल पहले पुलिस की नौकरी में आए थे। उनके साथ शिकारियो  से लड़ रहे हेड कांस्टेबल बनवारी लाल बिश्नोई ने बताया कि शिकारी करणा राम नायक ने पुलिस पर गोली चला दी। उमा राम ने शिकारी को पीछे से पकड़ने की कोशिश की एसे मे शिकारी के हाथ मे पिस्टल थी कोशिश करने के बावजूद शिकारी ने दो सीने मे और तीन पेट मे एक के बाद एक गोली चला दी तुरंत उन्हें गाड़ी में डालकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हैड कांस्टेबल बनवारीलाल की रिपोर्ट पर अभियुक्त करणाराम अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

उमा राम बेहद ही शांत स्वभाव का प्राणी था  और किसी भी काम को करने की ललक सभी से अलग थी ! जिंदगी  का हर काम चुनोती के  रूप मे स्वीकार करते थे

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बुडे माता पिता और पत्नी और तीन बच्चे हैं परिवार में-

उमाराम भाम्भु जाट कालड़ी गांव के किसान भूराराम  भाम्भु जाट का इकलौता पुत्र था, एक बेटी (18) और दो बेटे बड़ा बेटा (17)  व छोटा (12)  साल का  हैं।

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परिजनों ने की शहीद का दर्जा देने की मांग

नागौर निवासी उमाराम  भाम्भु के परिजनों को जब उनके मौत की सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे। वहां उनके अलावा विश्नोई समाज के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को लाश ले जाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि उमाराम की मौत ड्यूटी के दौरान हुई है। ऐसे में सरकार उनको शहीद का दर्जा दे। इसके अलावा उनके नाम का शौर्य पुरस्कार घोषित करे और स्मारक भी बनवाए।

  1. उमा राम को शहीद का दर्जा मिले
  2. शहीद मे परिवार को सरकारी नौकरी मिले
  3. शहीद मे शोर्ये चक्र से सम्मानित किया जाये
  4. शहीद स्मारक का निर्माण करवाया जाए
  5. शिकारियो को जल्द से जल्द पकड़ा जाये

 

आर्थिक सहायता की घोषणा

अखिल भारतीय विश्नोई महासभा की तरफ से कोषाध्यक्ष रामस्वरूप धारणियां ने परिवार को आर्थिक सम्बल के रूप में पांच लाख रुपए देने की घोषणा की है। बिश्नोई महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि वन्य जीवों के लिए जान देने वाले सिपाही ने वन्य जीवों की रक्षा का प्रयास करने वाली सभी संस्थाओं व किसान परिवार का गौरव बढ़ाया है।

“पांचू पुलिस थाने में हिरन शिकार का भी मामला दर्ज किया गया है। बंधाला निवासी महीराम बिश्नोई की रिपोर्ट पर करणाराम नायक, वे अनूपाराम नायक अन्य के खिलाफ हिरन शिकार का मुकदमा दर्ज किया गया है। -“ 

सतनामसिंह, एएसपी ग्रामीण। 

 

“पाँचू पुलिस थाने के जाबांज सिपाही शहीद श्री उमाराम जाट आज हिरण को शिकारीयो से बचाने के लिए अपनी जान की प्रवाह किए बिना शिकारीयो से भिङते हुए शहीद हो गये।भगवान इनकी आत्मा को शांति दे व परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दे।शत शत नमन”  

 प्रधान मुनी देवी गोरछिया  , 

प्रधान पंचायत समिति पाँचू

 

 “ पांचू थाने में कार्यरत कांस्टेबल उमराराम(उमाराम) जाट आज सुबह सोभाना में शिकारिओ से लड़ते हुए शहीद हो गए ।हिरन को बचाने के लिए जवान शिकारिओ से भीड़ गए और जवान को गोली लगने से शहीद हो गए ।भगवान् से प्राथना करते है उनकी आत्मा को शांति मिले और परिवार जन को ये दुखद सहन करने शक्ति देवे ।शहीद की सहादत को भुला नही जायेगा RIP” 

दीपाराम चौधरी 

सरपंच ग्राम पंचायत बन्धड़ा

 

 

kesariya kanwar ji jagran

 

केशरिया कंवर जी महाराज का जागरण !!
thalanjutempleनागौर जिले के निकटवर्ती गाँव थलांजु मे केशरिया कंवर का जागरण शनिवार रात को आयोजित हुआ | मंदिर पुजारी भिखा राम जी ने बताया की शनिवार रात आयोजित जागरण मे स्थानीय भोपों व स्थानीय गायक भजनो की प्रस्तुति दी गई और भौपों द्वारा कोड़ा नृत्य किया गया | और ग्राम के आस पड़ोस के कापी मात्रा में श्रदालु आये और भोपो के एक दूसरे के कोड़े मारने को लेकर हरे कोई अचम्भित है । मारवाड़ के लोगो के ये मानने वाली बात लेकिन अगर किसी स्वदेशी अगर देखता है तो उसके दांतो तले जीभ खिसक जाती है .. इस जागरण का आयोजन जन्म अष्टमी के ठिक एक दिन पहले किया जाता है .. सभी ग्रामवासियो का उसमे सहयोग रहता है .प्रसादी के तौर पे भोजन(शेस) भी बनायीं जाता है और उसको प्रमुख् त्यौहार के रूप मे  मनाया जाता है।

ऐसी मान्यत है की कोड़ा नृत्य मे एक दूसरे के कोड़े मारे जाते है और किसी की लगती नही है ये केशरिया कंवर जी असीम कृपा होती है ..

महाराज का ये जागरण ग्रामवासियो के बेहद ही जरूरी है क्योंकि ये गांव में मेलजोल और अपनापन लाता है और सभी ग्रामवासियो में स्नेह मिलान का कार्यक्रम होता है। और परस्पर सहयोग से जागरण का आयोजन किया जाता है|

अगर किसी को सर्फ़ या विषैला जानवर काट जाता है केसरिया कँवर जी थान या मंदिर पे लाया जाता है और महाराज की तांती और भभूति से तैयार हो जाता है

ईसी दिन नागौर जिले के सभी ग्रामो मे ये जागरण आयोजित किया जाता है..