राजकीय चिकित्सालय , नागौर
जैसे जैसे इन्सान तरक्की के रास्ते पर बढ़ता गया, जीवन से जुडी हर समस्याओ को जाना और इसको दूर करने के लिए नित नये आविष्कार भी किये लेकिन जीवन रूपी इस शरीर को चलाने के लिए हमे जिस रक्त की आवश्यकता पड़ती है उसे न तो इन्सान बना सकता है और न ही बना पाया है लेकिन यह सच है की किसी भी इन्सान के अंदर रक्त की कमी को दुसरे इन्सान के रक्त से पूरा किया जा सकता है
अपने गाँव थलांजू के रक्तदाता लक्ष्मण घंटियाला ने स्वैछिक रक्दान करके और गाँव के युवाओं को संदेश देने का कार्य किया है, भाई को दिल से सलूट आगे भी इसी तरह रक्तदान करते रहे एवं साथियों को समय समय पर प्रेरित करने का कार्य करते रहे |
हम सभी जवानों को इस कार्य को समय समय पर करते रहना चाहिए जिससे शरीर में नए ब्लड का निर्माण होता है,कई विशेषज्ञों ने माना है ब्लड डोनेट करने से दिमाग सार्फ़ एवं सकारात्मक होता है |
जय हिन्द