finance minister of thalanju

पेमाराम जी गोदारा !

गांव के वित्त मंत्री कहूँ तो मुझे कोई अतिशयोक्ति नहीं है.

गांव में पिछले 3 दशक से गांव का कोई सा भी काम हो जिसमे पैसों को लेन – देन होता है उसमे इनका नाम नही लिया जाता हो ऐसा हमने कभी सुना नही! उनकी ईमानदारी एवं महनेत पर गाँव वालों को नाज है |

गाँव में 15 साल तक सरस डेयरी के माध्यम से गाँव के किसानों को दुग्ध से पैसों की आय करवाई एवं गाँव के किसानों की आय एवं पशुओं का समन्यवय स्थापित करवाया.

गाँव के गोसाईं मंदिर में गोसाई सेवा समिति के स्थाई सदस्य एवं कोषाध्यक्ष पद पर उनका काम पिछले कई सालों से चल रहा है. मंदिर में रखे हुए बर्तन को गाँव के किसी ग्रामीण जरुरत पढ़ने पर उनको बेसिक किराये पर उपलब्ध करवाये जाते है उसका काम भी कई सालों से देख रहे है .

अभी हाल में गाँव वालों ने एक और जिम्मेवारी उनके कंधो पर सौंपी है गाँव के लगे मीठे पानी के हाईड्रेन्ट के पानी को गाँव के हरके ढाणियों तक पानी पहुँच और इस बदले में टैकर वालों से 100 रूपए की रिसीप्ट देनी है.

9cfbc7d5-26d6-4095-808f-9762c05afc8c

Donate blood & Save life

रक्तवीर भाई आशाराम  घंटियाला !
मूलत: नागौर जिले के कालड़ी पंचायत के ग्राम थलांजू के निवासी है हाल निवासी जयपुर के है जयपुर में प्राइवेट कंपनी में काम करते है  |
वर्ष 2007 में पहली बार ब्लड डोनेट किया था उसके बाद जब भी किसी जरुरतमंद को ब्लड की जरुरत पड़ी उनके मुहं से सिर्फ हां ही निकला है और लगातार 12 बार ब्लड डोनेट कर चुके है !

हमेशा ज़रूरतमंद को राहत पहुंचाई है साथ ही इस पूरे दौर में कई युवा साथियों को मोटीवेट करके और ब्लड देने को प्रेरित किया है !

“उनका एक ही मैसेज युवा साथियों के लिये है अगर किसी जरुरतमंद को ब्लड की जरुरत है आप बस एक बार उनको हाँ कह दो बाकि सारा काम अपने आप हो जायेगा, बस एक बार शुरुवात ही करनी है फिर मन से डर गायब हो जायेगा ,गाँवो ने ऐसी धारणा है की ब्लड डोनेट करने से शरीर कमजोर होता है जबकि शरीर में नया खून बनता है शरीर को नई ताकत मिलती है कमजोरी का सवाल ही नही है.”

अभी पिछले सफ्ताह हमे नागौर गए थे उनको चलते चलते याद आया की मुझे ब्लड डोनेट करना है तुरंत सरकारी अस्पताल पहुचे और डोनेट कर दिया !

हमें भी भाई आशाराम से सीख लेकर जरुरतमंद को ब्लड की जरुरत होने एक बार अवश्य ब्लड डोनेट करना चाहिये !

Water Hydrant :

नागौर जिले के कालड़ी पंचायत के ग्राम थलांजु में कल इंदिरा गांधी नहर के मीठे पानी का सही से इस्तेमाल करने के लिये और टैंकर से पानी भरकर घर तक ले जाने के लिये समस्त ग्रामवासियों और ग्राम जल स्थाई समिति की और से हाईड्रेन्ट लगाया गया!

जिसकी नींव नवम्बर 2015 में रखी गई थी किसी कारणवश आगे का काम जल्दी से पूरा नही पाये, पिछले महीने समिति और ग्रामवासियों ने पुन इस पहल की शुरुआत कर इस काम को अंजाम तक पहुचांया ताकि आगे आने वाली ग्रामियों में ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना नही करना पड़े | गाँव के ग्रामीणों की अथक महनेत एवं ग्राम जल स्थाई समिति के सदस्यों की महनेत एवं भाई मोडाराम घंटियाला की तरफ से 5 हजार रुपये के सहयोग से हाईड्रेन्ट का निर्माण करवाया गया|

collage-2

इसमें प्रतिदिन 16 से 20 टैंकर तक पानी दिया जाएगा और टाइम भी 2 या 3 घंटे तक का फिक्स होगा , ग्रामवासियों को 10 किलोमीटर दूर अलाय मीठे पानी के नही जाना पड़ेगा ,इससे ग्रामवासियों में ख़ुशी का माहौल है क्योंकि हर 20 दिन में एक टैंकर पानी की हर घर में जरुरत रहती है .अलाय से टैंकर मंगवाने पर लगभग 300 से 500 रुपये तक देने पड़ते थे. अब आधी रकम से ग्रामीणों का काम हो जाएगा| गाँव में पशुओं के लिये भी एक खली का निर्माण करवाया कर उसमे 24 घंटे पानी चालु रहेगा|

ग्राम जल स्थाई समिति ने हाईड्रेन्ट को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिये 100 रुपये पर टैंकर की रशीद रखी गई है ,जिससे लाइट का बिल और हाईड्रेन्ट पर रहने वाले आदमी को मेहनताना दिया जाएगा |

Save deers in thalanju(Nagaur)

ग्रामीणों ने बचाई हिरणों की जान :

नागौर जिले के कालड़ी पंचायत के थलांजू ग्राम के ग्रामीणों ने हिरणों को कुत्तों से छुडवाकर नागौर जोधपुर रोड पर स्थित श्रीकृष्ण गोपाल गौशाला में उपचार करवाया और गौशाला में रखकर आये |

 

 

 

वन्य जीवों के प्रति उदारता

गाँव से 40 किलोमीटर दूर स्थित गौशाला पहुचाने में गाँव के ग्रामीण रामसुखराम जी, पंचायत समिति सदस्य सोहन राम घंटियाला , जगदीश राम घंटियाला ,आशाराम घंटियाला ,टीकुराम घंटियाला ,रेवंत राम घंटियाला ने सहयोग करके और तुरंत गाड़ी की व्यवस्था करके और गौशाला पहुचाया !

c5255a85-061d-4a7a-83b4-7a85d884a61f

नागौर के जोधपुर रोड पर स्थित श्रीकृष्ण गोपाल गौशाला।

देश की पहली गौशाला, जहां ओटी से लेकर आईसीयू तक

ऑपरेशन थियेटर मेंं 10 गुणा 15 फीट का बेड है। ऑक्सीजन सिस्टम से लेकर एक्सरे मशीनें और ब्लड जांच सुविधाएं मौजूद है।

ऑपरेशन थियेटर के अलावा यहां कैंसर वार्ड, तीन पैर वार्ड, बर्न यूनिट, सांड यूनिट, शरीर उपचार दो वार्ड, वन्य जीव, थन कैंसर हर्निया यूनिट हैं।

गौशाला को बारीकी से देखा और वहाँ की व्यवस्था के बारे में जाना. उनकी पूरी टीम बहुत अच्छा काम कर रही है. हमारी शुभकामनाएँ उनके साथ है.

सभी भाई सुबह से भूख थे दिन की २ बजे गई थी,NH 89 स्थित  गोगेलाव में एक होटल पर थोडा रोककर चाय पी और थोडा आराम किया !

Empowering Thalanju

हमें अपने गाँव थलांजु  को नागौर पंचायत समिति का सबसे खूबसूरत गांव बनाना है , यह सारे अभी के लिए सपने लेकिन गांव के हरके आदमी के लिये सपना होगा तो निश्चित ही पूर्ण होगा । आगे आने वाली युवा पीढ़ी के हरेक के मन में सेट करे देंगे की अपने गांव को बहुत सूंदर बनाना है। यह विचार सभी के पास पहुँच जाए अपना काम अपने आप होता रहेगा |

hindi_remington_keyboard_devlys_and_krutidev2tt

  1. हमें ऐसा गांव चाहिए जिसमे गाँव के जितने भी सरकारी मार्ग है उन पर सड़के बन जाए, अगर कोई मुख्य मार्ग है जैसे की ग्राम से पंचायत मुख्यालय तक, थलाँजु फांटा से खारीकर्मसोता तक तो डामरीकरण हो जाए कोई छोटा मार्ग है तो ग्रेवल से खूबसूरत बन जायेगा| किसी भाई के खेत में मार्ग नही लगता है, सबसे पहले पड़ोसी राजी -राजी मार्ग देकर और पुन्य का काम कर लेंवे जैसे की जितनी जमींन दी उतनी सामने वाले से ले लो मार्ग दे दो. अगर नही करता है राज्य सरकार का नियम है की पड़ोसी को बाध्य करके सरकार मार्ग दिलवाएगी |
  1. गांव में एक भी घर बिजली से वंचित ना हो ताकि आने वाली छोटी पीढ़ी आराम से शिक्षा ले सके ।
  1. गांव तक सरकार ने मीठा पानी नहर का पंहुचा दिया लेकिन पानी को घर -घर तक पहुँच जाए ।
  1. गाँव के लगे सरकारी लोकसेवक शिक्षक, नर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, वनविभाग का कर्मचारी, जलदाय विभाग के कर्मचारी और अन्य जो भी कर्मचारी है उनके साथ ऐसा माहौल बनाना है की को उनको अपने आप ही लगे हम अपना काम 100 % बिना कामचोरी के करना चाहिए, गांव के छोटे से बड़े आदमी तक सबको पता होना चाहिए लोकसेवक का क्या – क्या कर्तव्य है, उसको क्या काम सरकार करने के गाँव में भेजा है उसके बाद तो गाँव वाले अपने आप देख लेंगे
  1. गांव में आपसी भाईचारे के सार्थक प्रयास गांव के लोगो को करने है, गांव अपना है वहां पर निवास करने सभी अपने भाई है! गांव में ऐसा माहौल बनाना है की अगर कोई 2 भाई नाराज है गांव वालों को तुरन्त इसका समाधान करना है ना की किसी 2 ग्रुप में बांटकर एक दूसरे के मजे लेने है. अगर किसी भाई का गुस्सा जायज क़ानूनी प्रक्रिया इसका समाधान करेगी , गांव वालों को इस मुद्दे हो बिलकुल भी हाईलाइट नही करना है यह गांव के हित के लिए लाभकारी होगा ।
  1. गांव की सरकारी जमींन जैसे गोचर चारागाह, अपने गांव लगभग 500 बीघा गोचर जमींन है उसको इतनी खूबसूरत बनानी है अपने गांव के पशु गोचर में चर सके, बढ़िया पानी पी सके एक सुनहरा वातावरण अपने को गोचर को बनाना है उसके लिये गाँव को हरित ग्राम में जुडवा कर काम करवा सकते है।
  1.  गांव में जो भी सरकारी खजाने से काम होगा उसको गांव के भाई को अपने घर का काम मानकर मोनिटरिंग करे ताकि सरकारी योजना को धरातल पर सही से किर्यान्वित किया जा सके!
  1. गाँव में शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापकों के साथ- साथ गाँव के सभी ग्रामीणों को सहयोग करना होगा अपने बच्चे की निरन्तर पढाई अच्छी हो इसके लिये जरुरी नही है की बच्चे के माता –पिता पढ़े लिखे हो  अगर अनपढ़ है वो कैसे अपने बच्चे का ध्यान रखे सकते है , आपका जब भी घर पर फ्री बैठे तो स्कूल जाकर अपने बच्चे का स्टेटस कार्ड जरुर चेक करना होगा जिससे शिक्षा में 25 % वृद्धि की सम्भावना बढ़ जायेगी | बच्चे के मन में सतुंष्टि आएगी मेरे पेरेंट्स मेरा पूरा ध्यान रखते है, अगर बच्चे की गलत संगत का असर भी होगा तुरंत छोड़ देगा |

 

यह सारे मुद्दे बहुत बढे सपने है लेकिन धीरे- धीरे सजग प्रयासों से इन कामों किया जा सकता है, गाँव की संस्कृति और समाज को अलग- थलग ना करते हुए अपने प्रयास आगामी सालों में जरुर रंग लायेंगे वर्ष २०१४ में जब अपने ने सरकारी स्कूल में पहली बार सफाई की जब थोड़ी न सोचा था की अपने स्कूल को एक अच्छा विधालय बना लेंगे, लेकिन निरंतर प्रयासों से कापी काम हुआ है और भी काम जारी है.

गाँव के हित का काम किसी विशेष बन्दे या जात का नही है, सभी ग्रामीणों का सम्मान अधिकार है गाँव के हितकर के लिये जात –पात वाली राजनीती से दूर रहना है, जब भी आपको समय या मौका मिले अवश्य गाँव के हित में सहयोग करे, ताकि छोटे – छोटे सहयोग से बढ़ा काम अपने आप हो जाएगा.    आइये सब साथ मिलकर अपने गाँव को एक सुंदर गाँव बनाने का सकल्प ले.

d1f3f987-63e3-4119-941a-1e995d0cb7d9

 

Saghnhrash ek kishan privar ka !

बधाई रामसुखराम जी घंटियाला और उनके पुत्रों को ।

संघर्ष एक किसान परिवार का । इनका उदाहरण गांव में प्रेरणादायक दृष्टि से कापी कुछ महत्व रखने वाला है ! रामसुखराम जी की शुरुवाती जिंदगी बिलकुल एक साधारण किसान की तरह से शुरू हुई , इनके परिवार में 4 बड़ी पुत्रियां और 2छोटे पुत्र है. जिंदगी की शुरुवात कठिन परिस्थितयियों के साथ गुजरी, जैसे-तैसे खेती से गुजारा करके और जब अकाल की हालात हो तब मजदूरी करके और दिनचर्या चले रही थी और धीरे -धीरे सभी बड़ी बेटियों की शादी कर दी गई ।

संकट की स्थिति तब आई जब भगवान् ने जो कुछ भी दिया हुआ था वो वर्ष 1999 में अचानक से 2 घंटे में छीन लिया , इनके मेहनत से बनाये हुए 3 कच्चे झोपड़ों में दोपहर में 1 बजे अचानक आग लग गई , और सब कुछ देखते ही देखते आँखों के सामने सब कुछ नष्ट हो गया था , और परिवार के पास एक शाम का गुजारा करने ले लिये कुछ् भी नही बचा !! जैसे तैसे कटुम्ब के सभी भाइयों और ससुराल वालों की मदद से वापिस बच्चों की आस पर जिंदगी जीने की शुरुवात की और वर्ष 2000 में दोनों बेटो की शादी करी और वर्ष 2001 में बड़े बेटेअणदाराम को 16 साल की उम्र में लकड़ी के काम के लिए मुंबई भेज दिया , जब अणदाराम ९ वीं क्लास की पढाई भी पूरी नही कर पाये और भाई अणदाराम ने जैसे – तैसे मेहनत करके और अपने काम का सारे गुर सीखे और वर्ष 2004 में छोटे भाई टिकूराम को भी साथ ले गए ।

इसके पीछे 16 साल की कड़ी मेहनत और लगन ने उनको इस मुकाम पर पहुँचाया है ,आगे भी भगवान् इनको खूब तरक्की दे ।

घन्यवाद और शुभकामनाएँ सभी ग्रामीणों की और से |collage-2016-11-13-2

Guru Gusai Sangh – Thalanju

श्री गुसांई संघ 10 वीं बार थलाँजु से रामदेवरा के लिये आज सुबह गुसाईं धाम थलाँजु से रवाना हुआ । रात को विधिवत रूप से गुसाईं का जागरण धाम के पंडित पन्ना दास जी के सानिध्य में हुआ और दिनांक 28 अगस्त 2016 को सुबह 10 बजे पंडित पन्ना दास ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया इस मौके पर पुरखाराम जी घंटियाला ,फरसाराम जी हुड्डा, अन्दाराम जी  बांगुडा ,ओमप्रकाश बांगुडा, ओमप्रकाश गोदारा  , पुनाराम गोदारा  ,त्रिलोक गोदारा   ,किशनाराम महाराज ,पंचायत समिति सदस्य सोहनराम घंटियाला, दोलत गर्वा (बरस बरस महारा इंद्र राजा के गायक ) ,शोभाराम गर्वा और तमाम ग्रामीण उपस्थित रहे , वार्ड पंच हुकमाराम की अध्यक्षता में श्री गुसांई संघ रूनेचा के लिये गाजे -बाजे के साथ रवाना हुआ |

collage (1)

जोर से बोलो “जय बाबेरी.. एक दो तीन चार — बाबा थारी जय जय कर “…

धन्यवाद !!

 

Happy Krishna Janmashtami

थलांजू विशेष :

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ |

मैं आपको जन्माष्टमी का त्यौहार गाँव में कैसे मनाते है इससे रूबरू करवाना चाहता हूँ. शहर और गाँव की तुलना में कापी अलग – अलग संस्कृति और रिवाज है .. जन्माष्टमी एवं  गोगा नवमी का त्यौहार कुछ मनाया जाता है की  सप्तमी या अष्टमी  के दिन लगभग हर  गाँव में केशरिया कंवर जी महाराज का जागरण का आयोजन गाँव के कंवर जी के थान पर किया जाता है . गाँव में सभी श्रद्धालु थान पर आते है कंवर महाराज का चरणों में धोक देते है और कोड़ा नृत्य का लुप्त उठाते है और ढाणियों के हरेक ग्रुप में कंवर के भोपजी मिल जाते है जो नृत्य करते है और महाराज का शेष (भोजन प्रशादी) बनता है सभी तो श्रदा अनुसार लेना होता है .. उसी उपरांत  रात की 1 बजे आधी रात वाला धुप होता है उसमे सबसे ज्यादा नृत्य किया जाता है..और समस्त ग्रामवासी भगवान से सुख और समृधि की प्रार्थना करते है .  उसमे बाद सभी श्रद्धालु अपने -अपने घर चले जाते है और सुबह अपनी खेती -बाड़ी के काम जुटे जाते है और घर की महिलाऐं कुछ मीठा पकवान जैसे की (हलवा ,लापसी ,खिचड़ी ,चावल ) आदि बनाती है.. और दिन में सब मिलकर एक साथ गोगाजी महाराज की पूजा करते है और बाद सब साथ मिलकर खाना खाते है … बाद में अपने -अपने काम में लग जाते है .. कुछ इस तरह गोगा नवमी और जन्माष्टमी मनाई जाती है जबकि शहरों में हरेक मंदिर पर भजन संध्या होती है , बड़े बड़े भंडारे होते है .. जोर -जोर की रानी रंगिलियों का डांस होता है .. सब लोग भाग उसी में खुश रहते है …

14079586_947293315396844_6804742633637925482_n (1)

जैसे -जैसे समय बदल रहा है वैसे वैसे गाँवो में शहरी माहौल हावी हो रहा है .. और धीरे -धीरे कोड़ा न्रत्य के जगह ..हसीनाओं के ठुमके लंगेंगे ..और अभी गाँव में आपसी भाईचारा जो बाते बैठकर होती बाद में सिर्फ 15 या 20 मिनट्स के ठुमके देखने आयेंगे … दोस्तों सोचो थोडा अपने किस संस्कृति की और जा रहे है अपने को पुराणी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया का उपयोग लेना है ..

आशा है आप सब भाई इसी तरह गाँव में भाईचारे और संस्कृति की बात को ध्यान रखते हुए गाँव के विकास और सभ्यता में शार्थी बनेंगे  |

 

जय हिन्द |

 

70 th Independence day-2016

“70 वां स्वतंत्रता दिवस”

15 अगस्त 2016 को थलांजू विकास समिति और स्कूल प्रबंधन समिति एवं ग्रामवासियों के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया |

पिछले 18 महीनों में ग्रामीणों ने ₹65360 रुपये का सहयोग किया है जो सारे पैसे विधालय में खर्च हो रहा है.

विधालय में पेड़ – पौधे और इनके तारबंदी एवं लोहे की जाली की व्यवस्था पर खर्च किये जा रहे है.

70 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर ग्रामीणों का सहयोग :

₹ 1500 श्री फुसाराम जी घंटियाला
₹ 1100 श्री पुरखाराम जी घंटियाला
₹ 1100 श्री नानकराम जी घंटियाला
₹ 1000 श्री फरसाराम जी हुड्डा
₹ 1000 श्री जालूराम जी धुंधवाल
₹ 500 श्री सिरमाराम जी घंटियाला
₹ 500 श्री रामसुखराम घंटियाला
₹ 500 श्री तिलाराम जी बांगुडा
₹ 500 सरपंच ग्राम पंचायत कालडी
₹ 500 ग्रामसेवक ग्राम पंचायत कालडी
₹ 200 श्री भंवरराम जी हुड्डा
₹ 200 श्री गोपालराम जी घंटियाला
₹ 100 श्री सांवलराम जी लुहार
₹ 100 श्री भागीरथराम जी हुड्डा

collage (1).jpgसभी ग्रामीणों का बहुत बहुत धन्यवाद !! विकास समिति एक- एक रुपये का हिसाब सोच – समझ के खर्च करेगी और गाँव के विकास में हमेशा तत्पर रहेगी !

जय हिन्द !! जय भारत !!

Gusai Ji Maharaj Pran pratishta and Inda Sthapana

बाबा गुसाईंजी जी महाराज मन्दिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह एवं मंदिर शिखर पर इंडा चढ़ाने के साथ प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 05/06/2016 वार रविवार और 06/06/2016 वार सोमवार  की किया गया | आयोजन की शुरुवात 05/06/2016 वार रविवार रात्रि में मंडप प्रवेश, संध्या पूजन तथा भजन संध्या के साथ आगाज होगा . और दुसरे दिन 06/06/2016 वार सोमवार को शाम तक चला इसी दिन प्राण-प्रतिष्ठा, हवन की पूर्णाहुति, उतर पूजन, मंदिर शिखर पर इंडा चढ़ाने के साथ प्रतिष्ठा कार्यक्रम सवाई जी महाराज की कालङी धाम के मंहत श्री प्रेमदास जी के सानिध्य में समापन हुआ और मंहत श्री प्रेमदास जी ने थलांजू गोसाई जी की धाम के  पंडित पनादास को चादर और श्ल्ली भी दी गई .इस अवसर पर महाप्रसादी का आयोजन भी किया गया ।
गोसाई जी की धाम के पंडित पनादास को चादर और श्ल्ली देते हुए सवाई जी महाराज की कालङी धाम के मंहत श्री प्रेमदास जी ….
 13322004_1089465064447448_3318426809775340168_n

गुसाईंजी जी महाराज का जुन्जाला धाम के अलावा दूसरा बड़ा गुसाईंजी का मंदिर ग्राम थलांजू में है.. इसलिये भारी संख्या में गाँव के आस- पास के श्रद्धालु आयें ..आयोजन को सफल बनाने के लिये मानाराम जी पचार और उमाराम जी खोजा ने आयोजन का संचालन किया |

13423842_1089469214447033_4402746398633458716_n
मंदिर में लगभग सवा 6 लाख रुपये बाबा के दरबार में सती सेवकों ने सहयोग किया सभी सती सेवकों और पधारे हुए सभी ग्रामवासियों का दिल से आभार..
1