पेमाराम जी गोदारा !
गांव के वित्त मंत्री कहूँ तो मुझे कोई अतिशयोक्ति नहीं है.
गांव में पिछले 3 दशक से गांव का कोई सा भी काम हो जिसमे पैसों को लेन – देन होता है उसमे इनका नाम नही लिया जाता हो ऐसा हमने कभी सुना नही! उनकी ईमानदारी एवं महनेत पर गाँव वालों को नाज है |
गाँव में 15 साल तक सरस डेयरी के माध्यम से गाँव के किसानों को दुग्ध से पैसों की आय करवाई एवं गाँव के किसानों की आय एवं पशुओं का समन्यवय स्थापित करवाया.
गाँव के गोसाईं मंदिर में गोसाई सेवा समिति के स्थाई सदस्य एवं कोषाध्यक्ष पद पर उनका काम पिछले कई सालों से चल रहा है. मंदिर में रखे हुए बर्तन को गाँव के किसी ग्रामीण जरुरत पढ़ने पर उनको बेसिक किराये पर उपलब्ध करवाये जाते है उसका काम भी कई सालों से देख रहे है .
अभी हाल में गाँव वालों ने एक और जिम्मेवारी उनके कंधो पर सौंपी है गाँव के लगे मीठे पानी के हाईड्रेन्ट के पानी को गाँव के हरके ढाणियों तक पानी पहुँच और इस बदले में टैकर वालों से 100 रूपए की रिसीप्ट देनी है.