Mayra

भाई ने भरा बहन के मायरा

नागौर जिले के थलांजु गाँव हाल खारीकर्मसोता निवासी गुकुल हुड्डा और चम्पाराम हुड्डा ने अपनी बहन के घर जाकर गाजे – बाजे के साथ मायरा भरा ,अपने समाज की दृष्टि से अच्छा मायरा किया जिसकी आस पास के गाँवो में प्रशंसा की गई , भाई अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ जाकर मायरा भरने की रस्म को अदा करता है.

बहन को भाई के पहुंचने का समाचार मिलने के बाद बहन ढोल के साथ भाई और अपने पीहर वालों का स्वागत तिलक लगाकर करती है. उसी समय साथ में आई हुई महिला का संगीत और नृत्य का बखान में शब्दों में करे ही नही सकता. बस यही ही दुआ करना चाहूंगा की इस परम्परा की किसी की नजर ना लगे.. विशेष तोर से राजनेताओं की अगर उनको ये मुद्दा मिल गया तो इसमें भी वो अपना स्वार्थ ढूंढ लेंगे. और एक खाश बात जब मायरा भरा जाता है तब पहले भाई अपने बहन के लिये थाली में पैसा रखता है उसके बाद जीजा जी की तरफ से समाज के पंच थोडा मशवरा करके और पूछते है की कुछ बाकि रह गया.. और उनका अंदाज भी इतना सटीक होता है ज्यादा ऊपर -निचे नही होता है, फिर उसके बाद भाई अपनी बहन के कुछ पैसे और रखता है.

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ये भरा मायरा

भाई गुकुल हुड्डा और चम्पाराम हुड्डा ने अपने पिताजी नानकराम जी हुड्डा और उनके भाई फरसाराम जी , हेमाराम जी और उनके भतीजे भंवरराम जी , भागीराम जी , और बहन के मामा रुघाराम जी, आशाराम जी ( सरपंच बाराणी) और गाँव के तमाम  50 भाइयो के साथ जाकर के 3 लाख 25 हजार रूपए नकद और 60 तोला चांदी और 3 तोला सोना अपनी बहन के मायरा भरा.

गुकुल हुड्डा पैसे से अध्यापक है और अभी ओसिया में उनकी पोस्टिंग है और थलांजु विकास समिति के विशेष सलाहकार की जिम्मेदारी भी उनके कंधो पर है.

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