Guru Gusai Sangh – Thalanju

श्री गुसांई संघ 10 वीं बार थलाँजु से रामदेवरा के लिये आज सुबह गुसाईं धाम थलाँजु से रवाना हुआ । रात को विधिवत रूप से गुसाईं का जागरण धाम के पंडित पन्ना दास जी के सानिध्य में हुआ और दिनांक 28 अगस्त 2016 को सुबह 10 बजे पंडित पन्ना दास ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया इस मौके पर पुरखाराम जी घंटियाला ,फरसाराम जी हुड्डा, अन्दाराम जी  बांगुडा ,ओमप्रकाश बांगुडा, ओमप्रकाश गोदारा  , पुनाराम गोदारा  ,त्रिलोक गोदारा   ,किशनाराम महाराज ,पंचायत समिति सदस्य सोहनराम घंटियाला, दोलत गर्वा (बरस बरस महारा इंद्र राजा के गायक ) ,शोभाराम गर्वा और तमाम ग्रामीण उपस्थित रहे , वार्ड पंच हुकमाराम की अध्यक्षता में श्री गुसांई संघ रूनेचा के लिये गाजे -बाजे के साथ रवाना हुआ |

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जोर से बोलो “जय बाबेरी.. एक दो तीन चार — बाबा थारी जय जय कर “…

धन्यवाद !!

 

Happy Krishna Janmashtami

थलांजू विशेष :

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ |

मैं आपको जन्माष्टमी का त्यौहार गाँव में कैसे मनाते है इससे रूबरू करवाना चाहता हूँ. शहर और गाँव की तुलना में कापी अलग – अलग संस्कृति और रिवाज है .. जन्माष्टमी एवं  गोगा नवमी का त्यौहार कुछ मनाया जाता है की  सप्तमी या अष्टमी  के दिन लगभग हर  गाँव में केशरिया कंवर जी महाराज का जागरण का आयोजन गाँव के कंवर जी के थान पर किया जाता है . गाँव में सभी श्रद्धालु थान पर आते है कंवर महाराज का चरणों में धोक देते है और कोड़ा नृत्य का लुप्त उठाते है और ढाणियों के हरेक ग्रुप में कंवर के भोपजी मिल जाते है जो नृत्य करते है और महाराज का शेष (भोजन प्रशादी) बनता है सभी तो श्रदा अनुसार लेना होता है .. उसी उपरांत  रात की 1 बजे आधी रात वाला धुप होता है उसमे सबसे ज्यादा नृत्य किया जाता है..और समस्त ग्रामवासी भगवान से सुख और समृधि की प्रार्थना करते है .  उसमे बाद सभी श्रद्धालु अपने -अपने घर चले जाते है और सुबह अपनी खेती -बाड़ी के काम जुटे जाते है और घर की महिलाऐं कुछ मीठा पकवान जैसे की (हलवा ,लापसी ,खिचड़ी ,चावल ) आदि बनाती है.. और दिन में सब मिलकर एक साथ गोगाजी महाराज की पूजा करते है और बाद सब साथ मिलकर खाना खाते है … बाद में अपने -अपने काम में लग जाते है .. कुछ इस तरह गोगा नवमी और जन्माष्टमी मनाई जाती है जबकि शहरों में हरेक मंदिर पर भजन संध्या होती है , बड़े बड़े भंडारे होते है .. जोर -जोर की रानी रंगिलियों का डांस होता है .. सब लोग भाग उसी में खुश रहते है …

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जैसे -जैसे समय बदल रहा है वैसे वैसे गाँवो में शहरी माहौल हावी हो रहा है .. और धीरे -धीरे कोड़ा न्रत्य के जगह ..हसीनाओं के ठुमके लंगेंगे ..और अभी गाँव में आपसी भाईचारा जो बाते बैठकर होती बाद में सिर्फ 15 या 20 मिनट्स के ठुमके देखने आयेंगे … दोस्तों सोचो थोडा अपने किस संस्कृति की और जा रहे है अपने को पुराणी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया का उपयोग लेना है ..

आशा है आप सब भाई इसी तरह गाँव में भाईचारे और संस्कृति की बात को ध्यान रखते हुए गाँव के विकास और सभ्यता में शार्थी बनेंगे  |

 

जय हिन्द |

 

70 th Independence day-2016

“70 वां स्वतंत्रता दिवस”

15 अगस्त 2016 को थलांजू विकास समिति और स्कूल प्रबंधन समिति एवं ग्रामवासियों के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया |

पिछले 18 महीनों में ग्रामीणों ने ₹65360 रुपये का सहयोग किया है जो सारे पैसे विधालय में खर्च हो रहा है.

विधालय में पेड़ – पौधे और इनके तारबंदी एवं लोहे की जाली की व्यवस्था पर खर्च किये जा रहे है.

70 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर ग्रामीणों का सहयोग :

₹ 1500 श्री फुसाराम जी घंटियाला
₹ 1100 श्री पुरखाराम जी घंटियाला
₹ 1100 श्री नानकराम जी घंटियाला
₹ 1000 श्री फरसाराम जी हुड्डा
₹ 1000 श्री जालूराम जी धुंधवाल
₹ 500 श्री सिरमाराम जी घंटियाला
₹ 500 श्री रामसुखराम घंटियाला
₹ 500 श्री तिलाराम जी बांगुडा
₹ 500 सरपंच ग्राम पंचायत कालडी
₹ 500 ग्रामसेवक ग्राम पंचायत कालडी
₹ 200 श्री भंवरराम जी हुड्डा
₹ 200 श्री गोपालराम जी घंटियाला
₹ 100 श्री सांवलराम जी लुहार
₹ 100 श्री भागीरथराम जी हुड्डा

collage (1).jpgसभी ग्रामीणों का बहुत बहुत धन्यवाद !! विकास समिति एक- एक रुपये का हिसाब सोच – समझ के खर्च करेगी और गाँव के विकास में हमेशा तत्पर रहेगी !

जय हिन्द !! जय भारत !!