Hanuman Beniwal (MLA KHIMSAR)

भर हुंकार, बन खूंखार, दुश्मन के शोणित में रम जा तू,
अडिग कदम, तेज नजर, हनुमान विजय कर जा तू,

धरले दंभ, निष्ठुर भुजंग, नस नस फड़का अपनी तू,
शीश उठा, वक्ष तना, शिखरों से दृष्टि मिला अपनी तू,

नभ गुंजार, धरा ललकार, मचा बैरी कपाल में हाहाकार,
बजा रणसिंगा, शंखनाद कर, पहन जीत का विजयहार,

भर हुंकार, बन खूंखार……

ठहर नहीं, विचार नहीं, कर बुलंद सिंहनाद तू ,
ग्राम नहीं, शहर नहीं, दिलों में पहुंचा आवाज तू,

धधक धधक, सबक सबक, गलतियों से सीख ले,
डगर डगर, विजय विजय, दुश्मनों से खींच ले,

भर हुंकार, बन खूंखार..

वीर तू, महावीर तू, तू ही काल व महाकाल तू,
वर्तमान तू, भविष्य तू, जर्रे जर्रे में विधमान तू,

कर शपथ, चल निडर, फैला जालिमों में खौफ तू,
कर कल्याण, मिटा विषाद, ले आ इक नवभौर तू,

भर हुंकार, बन खूंखार…

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मान ले, अब ठान ले, पथ अपना ले श्रृंगार तू,
नही समय, इंतजार नहीं, अपने मिटा ले विकार तू,

आग बन, तूफान बन, बन भेदन सा तीर तू,
शेर बन, दिखा ताकत, बता
दे बेनिवाल वीर तू,

भर हूंकार, बन खूंखार…

जाट लहू, किसान जौश, बन पैना जैसे शमशीर तू,
राम पूत, तेजल भक्त, जीत ले अपनी जागीर तू,

लख ह्रदय, लख भुजा, बन विभा है संग खड़े,
यही कामना, यही दुआ, कर विजय यह जंग लड़े,

नहीं समर में रूक, ना झुक कभी वैरी चालों से,
दृष्टि मिला सदा, इन सत्तामद में चूर मतवालों से,

बढा कदम, दिखा नागौरी ललकार जालिमों को,
ले प्रतिज्ञा, बना इतिहास आज की इन तारिखों को,

वैरी समक्ष, लक्ष्य समक्ष, समक्ष विजयहार पड़े तेरे,
शस्त्र संभाल, कर चढाई, साथ तेजाभक्त खड़े तेरे,

सुन महाराणी अब विनय नहीं, अब रण होगा,
रण ऐसा होगा, सृष्टि ने देखा नहीं वैसा होगा,

घनघोर गगन में तड़ित का, कोप जैसे दिखता है,
अत्याचार के विरूद्ध किसानों का, जोश वैसा ही होता है,

वही जोश, वही जुनूं, इसी का नाम है बेनिवाल,
आ रहा 2018 में, हुंकार भर रहा है राजस्थान,

भर हुंकार, बन खूंखार, दुश्मन के शोणित में रम जा तू,
अडिग कदम, तेज नजर, हनुमान विजय कर जा तू,

 

भाई Balveer Ghintala ‘तेजाभक्त’ की कलम से