A very happy Christmas and a prosperous New Year 2015 .. PEACE be upon all … !!!

thalanju2014 में, क्रिसमस त्योहार 25 दिसंबर को मनाते हैं। सालाना क्रिसमस राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। यीशु मसीह के जन्म ईसाई धर्म के संस्थापक थे जो क्रिसमस त्योहारों के रूप में मनाया गया। इस दिन पर, ईसाई लोगों के क्रिसमस पेड़ या घंटी, सितारे, रोशन दीपक आदि के साथ अपने कमरे को सजाने

हर ईसाई यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र था कि विश्वास रखता है। उन्होंने यह भी यीशु पर दुनिया भर के सभी मानव जाति को बचाने के लिए आ रहा था जो भगवान था कि विश्वास रखता है। यीशु बेतलेहेम गांव में पैदा हुआ था और उसकी माँ का नाम मरियम है।

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Abhinav Thalanju

अभिनव राजस्थान

10846179_315997425273645_2728996029676212309_nअच्छाई की मार्केटिंग
नागौर जिले का गाँव फिड़ोद अपनी अलग ही पहचान रखता है। इस गाँव ने हमें सैकड़ों कर्मचारियों के अलावा उत्तम व्यवसायी व जागरूक राजनैतिक नेताओ के साथ साथ स्वतंत्र विचारक भी दिये हैं।
इसी गाँव के श्री रामकिशोर जी फिड़ोदा ने वर्दी की नौकरी को सेल्यूट मारकर पत्रकारिता का दामन थामा। अपने साथी श्री आईदानराम के साथ मिलकर अपने अखबार गाँव-ढाणी के माध्यम से जन-जन के प्रिय बन गये। वर्षो पहले नागौर की धरती से RTI की आवाज़ को बुलंद करने वाले श्री फिड़ोदा जी एक स्वतंत्र विचारक, पत्रकार, समाजसेवक होने के साथ-साथ एक अच्छे चिन्तक व मनोवैज्ञानिक भी है। इनके पास सारगर्भित कहानियों का खजाना है। अच्छे बातेड़ी होने के साथ -साथ समयानुकूल बात करने के आदि हैं।
भष्टाचार व लालफीताशाही में आकण्ठ डूबे प्रशासन ने इनको ब्लेकमेलर की उपाधि देने से भी परहेज़ नहीं किया। इसके बावज़ूद भी श्री फिड़ोदा साहब ने RTI के हथियार को नीचे नहीं डाला।
डॉ. अशोक चौधरी न RTI के माध्यम से जब अभिनव राजस्थान का सपना समाज के सामने रखा तो श्री फिड़ौदा साहब की ढलती उम्र भी जवान होकर दहाड़ने लगी।
30 नवम्बर 2014 को जयपुर के महाराणा प्रताप आडिटोरियम से अभिनव राजस्थान अभियान के महासमागम के मंच से श्री फिड़ोदा साहब को अपने विचार व्यक्त करने के लिए बुलाया गया तब शोशल मीडिया तंत्र से संगठित राजस्थान के कौने-कौने से पधारे नवयुवकों ने सोचा होगा कि यह सफेद दाढ़ी वाले बाबाजी हमें क्या समझायेंगे।
परन्तु इन सब के विपरीत श्री फिड़ोदा जी ने अपनी मायड़ भाषा में सटीक उदाहरणो से जोश व राष्ट्रभक्ति का जज्बा पैदा करते हुए सूचना के अधिकार अधिनियम की इतनी सुन्दर व्याख्या पेश की तो सब के होश उड़ गये। श्री फिड़ोदा जी के भाषण के समय हॉल हँसी के ठहाकों ,वन्दे मातरम् के उदघोष व तालियों की गड़गडाहट से गूँज रहा था।

आधे घण्टे के भाषण ने न केवल सबको इनका दिवाना बना दिया बल्कि यह भी साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती।
बधाई हो फिड़ोदा साहब ।हमारा सपना पूरा होगा और एक दिन राजस्थान अभिनव बनेगा।

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Abhinav Thalanju