अभिनव नागौर

‘अभिनव नागौर’ का असर.
कृषि विभाग ने हमारे अभियान के प्रति सकारात्मक रूख अपनाकर,
‘अभिनव रायधनु’ के लिए कदम बढ़ा लिए हैं.
नागौर जिले में इस गाँव को कृषि क्षेत्र के लिए आदर्श बनाने का काम सोमवार से शुरू होगा.
15 लाख रूपये से. जय हो.

जब हम केन्द्र की विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण कर रहे थे तो हमने जिले के कृषि विभाग के उप निदेशक जी से आग्रह किया था था कि वे कुछ गाँवों में विभाग की सभी नीतियों को एक साथ लागू कर जनता और विभाग के बीच की दूरी कम करें. तब हमने पहले गाँव के रूप में रायधनु का नाम सुझाया था क्योंकि वहाँ अपनी युवा टीम बहुत सक्रिय हो चुकी है. उन्होंने इसे ध्यान में रखते हुए एक महत्त्वपूर्ण केन्द्रीय योजना National Mission For Sustainable Agriculture के लिए इस गाँव का चयन कर दिया है. यहाँ चुनिन्दा 100 किसानों को उनके खेत की मेड़ पर खेजड़ी के पौधे लगाने के लिए प्रति किसान 15 हजार रूपये की subsidy मिलेगी.

अब सोमवार को गाँव में एक function होगा जिसमें हमारे युवा साथी सहयोग करेंगे.

‘अभिनव नागौर’ से ‘अभिनव राजस्थान’ की ओर.
सतत गति से. विश्वास से. मित्रों के सहयोग से.

वंदे मातरम !

Written BY : ASHOK CHOUDHARY

किसी सांसद की गोद का मोहताज नहीं, अपने बूते बना आदर्श गांव

 6883_6जालोर जिले का बरवा गांव। यहां के ग्रामीण अपने बूते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदर्श ग्राम परिकल्पना से दो कदम आगे हैं। इन्होंने अपने प्रयासों से इसे आदर्श बना दिया है। करीबन एक हजार की आबादी और दो सौ घर है गांव में। यहां हर घर में शौचालय है, सोलर लाइट और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी। जल संग्रहण व साफ-सफाई के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। शौचालय व वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो अनिवार्य कर रखें हैं।
खुले में शौच पर 500 रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पहले बिजली, पानी, सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए सरकार की ओर ताकते रहे। बरसों बाद भी जब गांव में सुविधाएं नहीं मिल सकी तो ग्रामीणों ने खुद ही गांव के विकास का बीड़ा उठाया। सभी चौपाल पर बैठे। योजना बनाई। इसके लिए चंदा करना शुरू किया। काफी चंदा इकट्ठा हो गया तो विकास कार्य शुरू किए और चंद महीनों में गांव की तस्वीर बदल दी।
सब्सिडी का फायदा लिया, अब हर छत पर सोलर पैनल
तीन साल पहले पूरा गांव अंधेरे में रहने को मजबूर था। सरकारी स्कूल के हैडमास्टर बाबूसिंह चौहान 8 हजार रु. में सोलर लाइट लाए। ग्रामीणों के पास इतना पैसा कठिन था। चौहान ने सब्सिडी के बारे में बताया। तब 10-12 लोगों ने हिम्मत कर सोलर लाइट ली। यहीं से शुरू हुई गांव के आदर्श बनने की मुहिम। अब सभी घरों में सोलर लाइटें है। ग्रामीणों ने ढाई लाख रु. के चंदे से गलियों में भी लाइटें लगा दी है।
 
महिलाओं ने जुटाया पैसा खुद गए कुएं-तालाब
पानी वितरण की जिम्मेदारी  महिला जल समूह के पास है। समूह ने दो लाख रु. जुटाए। जल भागीरथी फाउंडेशन के सहयोग से कुआं-तालाब खुदवाया। पुराने तालाब का कैचमेंट एरिया बढ़ाया। अब सालभर पानी की कमी नहीं रहती। समूह विकास के लिए प्रति टैंकर 50 रु. लेता है। स्कूली बच्चों का जल दल गठित है जो शनिवार को बिजली, पानी, पर्यावरण को बचाने का संदेश देता है।
जंगल से ग्रेवल लाए, बना दी सड़क
जोधपुर, बाड़मेर और जालोर की सीमा पर स्थित गांव बरवा के दलाराम बताते हैं कि पगडंडी को सड़क में तब्दील करने के लिए भी पूरा गांव एक साथ जुटा था। घरों में जो संसाधन थे उनके साथ वे खुद भी सड़क बनाने में लगे। जंगल से ग्रेवल लाए और सड़क बना दी।
प्रेरणा लेकर पड़ोसी गांव भी रोशन 
बरवा गांव की इस बदली हुई तस्वीर से अब पड़ोसी भी प्रेरणा ले रहे हैं। पास के गांव मजल के घरों में  सोलर लाइटों का उजाला इन्हीं लोगों की वजह से है।
कुछ ऐसी ही है मोदी के आदर्श गांव की कल्पना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी आदर्श ग्राम योजना भी कुछ ऐसी ही है। इसमें बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला स्वयं सहायता समूह, पानी के टांके आदि शामिल हैं। इन सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रत्येक सांसद को एक ग्राम गोद लेकर उसका विकास करना होगा।
Source :Bhaskar

5 Indian Villages That Set A Worthy Example For The Whole Country

पूरे देश के लिए 5 भारतीय गांवों में एक योग्य उदाहरण!

भारत, एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था होने, विकास के लिए अपने गांवों पर सबसे निर्भर करता है. गांव हमेशा भारतीयों अकेला समझ सकते हैं कि उस विशिष्ट उदासीन आकर्षण है. सरसों के खेत, चाय बागानों, कीचड़ घरों, स्वच्छ हवा, चारपाई, मिट्टी, सितारा रोशनी आकाश; इन बस हम एक भारतीय गांव में जीवन के साथ सहयोगी की खुशी है कि कुछ चीजें हैं.

यहाँ एक छोटी तथ्य है: गाँवो रहने के लिए एक बुरी जगह नहीं हैं. वास्तव में, उनमें से कुछ किसी भी मेट्रो से बेहतर हैं. और इन अनुकरणीय उदाहरण है

1. Mawlynnong – Asia’s cleanest village

Mawlynnong, मेघालय में एक छोटा सा गांव है, डिस्कवर इंडिया पत्रिका द्वारा 2003 में ‘एशिया में साफ विलेज’ का प्रतिष्ठित टैग से सम्मानित किया गया. शिलांग से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, गांव आप यह पता लगाने के रूप में आप सुंदरता में लेने के लिए एक स्काई वॉक प्रदान करता है. आगंतुकों के अनुसार, आप के आसपास पड़ा एक भी सिगरेट बट / प्लास्टिक बैग नहीं मिल सकता है

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2. Punsari – The village with Wi Fi, CCTVs, AC classrooms and more

गुजरात में स्थित Punsari, बहुत सारे मेट्रो शहरो को शर्मिंदा करने वाली बात है !. भारत सरकार और गांव के स्वयं के वित्त पोषण के मॉडल के आधार पर वित्त पोषित, Punsari एनआरआई-धन्य जोन नहीं है. गांव में भी एक मिनी बस लघुकरण प्रणाली और विभिन्न अन्य सुविधाओं का दावा करती है. विश्वास रखो.

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3. Hiware Bazar – The village of 60 millionaires

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित Hiware बाज़ार, संभवतः भारत में सबसे अमीर गांव माना जा रहा है. इस परी कथा बदलाव के लिए एकमात्र कारण पोपात्राव पवार नामक एक आदमी है!

उन्होंने कहा कि खर्च कम करने के लिए सभी नशे की लत पदार्थों पर प्रतिबंध लगा दिया और वर्षा जल संचयन, दुधारू पशु, आदि में निवेश करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया

गांव में 60 करोड़पति है और मुश्किल से भी कोई गरीब है !

1995 में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के 168 से, Hiware बाज़ार अब सिर्फ तीन है

ग्रामीणों को उस दिन का इंतजार है की गाँव मे एक भी ग़रीब ना हो

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4. Dharnai – First fully solar-powered village

Dharnai, बिहार में एक गांव बिजली के लिए अपनी खुद की सौर ऊर्जा संचालित प्रणाली विकसित करके अंधेरे को 30 साल से हराया ,ग्रीनपीस की सहायता के साथ, Dharnai ही जुलाई में एक उर्जा स्वतंत्र गांव घोषित किया !

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5. Chappar – A village that distributes sweets when a girl is born

हरियाणा में Chappar छप्पर गांव में एक महिला सरपंच है. लेकिन नीलम कोई साधारण सरपंच नही है. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के प्रति ग्रामीणों का रवैया बदलने के लिए उसके जीवन का मिशन बना दिया, और वह सफल रहा! इतना ही नहीं गांव की महिलाओं को अब घूँघट नहीं पहनती, लेकिन हरियाणा में इस गांव में हर नवजात शिशु में सबसे कम लड़कियों अनुपात (मात्र 877) के साथ राज्य होने के बावजूद परवाह किए बिना लड़का / लड़की का स्वागत किया जाता है और मिठाई और उत्सव मनाया जाता है!

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