Teja ji maharaj Balidan diwas

“भादवा शुक्ल दशमी रे दिन, मैं नमन करूं शूरां ने आज।
जाट चढ्यो गायां री वारां, बिश्नोई राखी रूखां री लाज।।
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आप सभी भाईयों को वीर तेजाजी बलिदान दिवस व बाबा रामदेव जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई । खेजड़ली शहीद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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तेजाजी की विरासत

(1) श्री वीर तेजाजी : शेषावतार लक्ष्मण जी

(2) जन्म तिथि : माघ शुक्ला चतुर्दशी, गुरुवार वि.स. 1130 29 जनवरी 1074 ई.

(3) पिता : श्री ताहङदेव जी (थिरराज) धौलिया

(4) माता : श्रीमती रामकुंवरी

(5) वंश : नाग वंश की धौलिया जाट शाखा

(6) खांप : चौहान

(7) नख : खींची

(8) जन्म स्थल : खरनाल (नागौर)

(9) विवाह : पीले पोतङों में पुष्कर के नाग घाट पर पुष्कर पूर्णिमा वि.स 1131

(10) पत्नी : पेमल

(11) ससुर : रायमल जी मुहता

(12) ससुर का गौत्र : झांझर जाट

(13) सासु : बोदल दे

(14) सासु का गौत्र : काला जाट

(15) ससुराल : शहर पनेर

(16) भाई : रुपजी, रणजी, गुणजी, महेश जी, नगजी

(17) भाभियाँ : रतनाई, शेरां, रीतां, राजा, माया

(18) बहिन : राजल

(19) बहनोई : नाथाजी सिहाग

(20) बहिन के ससुर : जोरा जी सिहाग

(21) बहिन का ससुराल : तबीजी (अजमेर)

(22) ननिहाल : त्योद व अठ्यासन

(23) नाना : दुल्हण जी सोढी

(24) गुरु : गुसांई जी व मंगलनाथ जी

(25) लाछां की संपत्ति : गौ माताएं

(26) वीरगति की निशानी : मेंमद मौलिया

(27) मेंमद मौलिया वाहक : आँसू देवासी

(28) तेजाजी के दुश्मन : सासु बोदल दे व काला गौत्री बालू नाग

(29) तेजाजी का खेत : खाबङ खेत (खरनाल)

(30) तेजाजी का तालाब : गैण तालाब (इनाणा व मूङावा के बीच)

(31) तेजाजी का रास्ता : तेजा पथ

(32) घाटा : लोकल घाटा (मालास परबतसर)

(33) नदी : पनेर की नदी

(34) तेजाजी का वचन : सत्यवाद

(35) तेजाजी की मर्यादा : नुगरां की धरती में वासा ना करां

(36) तेजाजी का व्रत : ब्रम्हचर्य

(37) सम्बोधन : सत्यवादी वीर तेजाजी

(38) माता का बोल : तेजा का बोयोङा मोती निपजे

(39) तेजाजी के साक्षी : चांद, सूरज व खेजङी वृक्ष

(40) बासग नाग द्वारा वरदान : काला बाला रोग चिकित्सा, घर घर पूजा

(41) तेजाजी देवता : सर्प विष चिकित्सा, कृषि उपकारक, पशुधन तारक

(42) पेमल का आशीर्वाद : पूजा से बस्ती नगर रोग निवारण

(43) तेजाजी की चिकित्सा पद्धति : गौमूत्र, नीमपत्र, काली मिर्च, देशी गाय का घी, देशी गाय के गोबर के कण्डो की भभूत

(44) तेजाजी का ध्वज : चांद, सूरज, नाग, खेजङी वृक्ष युक्त

(45) तेजाजी का भोग : देशी गाय का कच्चा दूध, नारियल, मिश्री

(46) तेजाजी के जागरण की रात व व्रत : भादवा सुदी नवमी हर वर्ष

(47) तेजाजी का शकुन : जागती जोत

(48) तेजाजी का गीत : गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ

(49) तेजाजी के गीत की प्रथम गायिका : लाछां गुर्जरी

(50) तेजाजी के गीत की पुन: रचना : बींजाराम जोशी

(51) तेजाजी का शिलोका : पूनमचन्द सिखवाल

(52) तेजाजी ख्याल : पं. अम्बालाल

(53) भक्ति : सालिगराम

(54) ईष्ट देव : शंकर भगवान

(55) सेवा : गौ माता

(56) कर्म : गौचारण, कृषि, युवराज पद दायित्व

(57) धर्म : गौरक्षा, न्याय, सत्यवाद

(58) तीर्थ : तीर्थराज पुष्कर

(59) वीरगति स्थल : सुरसुरा (अजमेर)

(60) दाह संस्कार स्थल : सुरसुरा (अजमेर)

(61) पेमल का सती स्थल : सुरसुरा (अजमेर)

(62) घोङी का नाम : लीलण

(63) प्रमुख शस्त्र : भाला

(64) सहअस्त्र शस्त्र : ढाल-तलवार, धनुष बाण

(65) रण संग्राम स्थल : मण्डावरिया पहाङी की तलहटी एवं चांग का लीला खुर न्हाल्सा करणाजी की डांग (पाली)

(66) प्रतिपक्षी : चांग के चीतावंशी मेर मीना

(67) मीना का सरदार : कालिया

(68) तेजाजी के साथी : पाँचू, खेता, जेता

(69) पेमल की सखी : लाछां गुर्जरी (चौहान खाँप)

(70) लाछां का गांव : रंगबाङी का वास पनेर (अजमेर)

(71) लाछां के पति : नन्दू गुर्जर

(72) लाछां की निशानी : लाछां बावङी

Source : Whatsapp

लोक देवता तेजाजी महाराज के बलिदान दिवस तेजा दशमी पर हम उन्हें नमन करते हैं. दूसरों के लिए जीने-मरने के उनके कृत्य और सन्देश से मानवता समृद्ध हुई है. भादों शुक्ल दसवीं, 1160 के दिन गुर्जर जाति की एक महिला की गायों को लुटेरों से छुडाते हुए उनका बलिदान हुआ था. बलिदान की इन घड़ियों में भी आँख मूंदने से पहले नाग देवता को दिया वचन पूरा करना भी तेजाजी नहीं भूले.
तेजाजी की गाथा में भाभी से तकरार करते समय श्रृंगार रस, मां का वात्सल्य रस, पत्नि पेमल और उनकी सहेलियों से वार्तालाप में श्रृंगार रस और मेरों से झगडे में वीर रस का भान होता है.
पेमल-तेजल का सम्बन्ध भी मानवीय मूल्यों के लिए बलि हो जाता है. बहिन बुन्गरी का भाई के वियोग में शरीर त्याग देना भी भाई-बहिन के प्रेम की पराकाष्ठा ही. यानि गाथा का एक एक किरदार अद्भुत है.
इतिहास की किताबों में भले ही लोकदेवताओं की कहानियों को काल्पनिक बताकर स्थान नहीं दिया गया हो, लेकिन भाटों की बहियों में सब कुछ स्पष्ट अंकित है. और उस पर जन जन की आस्था और गीतों के प्रवाह ने इन महापुरुषों की यादों को सहेज कर रखा है. आज भी ग्रामीण अंचल में तेजाजी, गोगाजी, पाबूजी, रामदेवजी और देवनारायण की कथाएँ लोकप्रिय हैं और श्रद्धा से गाई-कही जाती हैं.

डॉ. अशोक चौधरी (अभिनव राजस्थान )

 

कर्म ही पूजा है।
“जीवन का महानतम उपयोग इसे किन्हीं ऐसे अच्छे कार्यों पर व्यय करना है जो कि इसके जाने के बाद भी बने रहें.”

मानाराम पचार  (व्याख्याता)

 

परम आराध्य लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस व बाबा रामदेव जी की दशमी पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएँ |
लोक देवताओ का जीवन हमे सच्चाई तथा त्याग की सिख देता है, हम सभी पर तेजाजी और बाबा रामदेव जी कृपा बनी रहे, ऐसी प्रार्थना मे करता हूँ |
हनुमान बेनीवाल#MLAKhinwsar

 

गौ रक्षक वीर शिरोमणि सत्यवादी वीर तेजाजी के बलिदान दिवस तेजादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह वैभव, ऐश्वर्य,उन्नति,स्वास्थ्य,प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखें ।।

One thought on “Teja ji maharaj Balidan diwas

  1. सभी भाईयों को वीर तेजाजी बलिदान दिवस व बाबा रामदेव जयन्ती, खेजड़ली शहीद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई !!

    सोहन घंटियाला ,पंचायत समिति सद्स्य ,नागौर

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